अनिश्चितकाल के लिए अवरुद्ध किया
बता दें कि बेगमबाग धरने के नाम पर महाकाल मंदिर की ओर जाने वाले मार्ग को सीएए के विरोध के नाम पर अनिश्चितकाल के लिए अवरुद्ध किया गया है। इसके विरोध में संघर्ष समिति व अन्य सामाजिक संगठनों ने मिलकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है। समिति संयोजक योगेश भार्गव ने बताया महाकाल मंदिर में प्रतिदिन देश-विदेश के श्रद्धालु इस मार्ग से अपने वाहनों द्वारा पहुंचते हैं। आने वाले दिनों में यहां शिवरात्रि महापर्व और बसंत पंचमी पर्व भी मनाया जाएगा। ऐसे में मार्ग अवरुद्ध होने के कारण आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी होगी। ज्योतिर्लिंग के निर्बाध दर्शन की व्यवस्था पुन: बहाल की जाना चाहिए।
65 समाजों के प्रमुखों ने लिया हिस्सा
ज्ञापन के समय समग्र हिंदू समाज के 65 समाजों के प्रमुखों के साथ महाकाल पुजारी संघ, हरसिद्धि भक्त मंडल, अभा पुजारी संघ, अभा पुरोहित महासभा के प्रतिनिधि सदस्य भी शामिल थे। ज्ञापन का वाचन योगेश भार्गव ने किया व संचालन राजेश पुजारी तथा कुलदीपक जोशी द्वारा किया गया।
धरने से कोई असुविधा नहीं-अरुण वर्मा
इधर, महाकाल भक्त मंडल के अरुण वर्मा ने आरोप लगाया कि एनआरसी एवं सीएए को लेकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ शुरू से ही मुस्लिम विरोधी रही है। इसी को लेकर मुस्लिम समाज द्वारा दिए जा रहे धरने का विरोध हो रहा है। वर्मा ने कहा कि महाकाल जाने वाले और भी कई रास्ते हैं। धरना स्थल के पास 20 फीट के लगभग जमीन खाली है, लोग आ-जा रहे हैं। किसी को आवागमन में कोई बाधा नहीं हो रही। वर्मा ने कहा कि जब शासकीय भूमि पर संघ के लोगों ने कब्जा कर भक्त निवास एवं भारत माता का मंदिर निर्माण कर महाकाल मंदिर से ऊंचा शिखर तान दिया, तब मंदिर के अपमान का ख्याल क्यों नहीं आया? उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार द्वारा नागरिक संशोधन बिल जो लाया गया है। वह संविधान विरोधी है और उसे संविधान से जो लोग प्रेम करते हैं और धर्म निरपेक्षता में विश्वास करते हैं उन्हें इस काले कानून का डटकर विरोध करने के लिए धरने को समर्थन प्रदान करना चाहिए।