आरपीएफ ने 15 मिनट में 10 परिवारों को कर दिया बेघर...
रेलवे की जमीन से हटाया अतिक्रमण

उज्जैन. आरपीएफ के दल ने 15 मिनट में लगभग 10 परिवारों को बेघर कर दिया। ये लोग इस जमीन पर लगभग 6-7 वर्ष से निवास कर रहे थे। लोगों ने छोटी-छोटी लकड़ी की झोपड़ी बना रखा थी। जिसमें रहकर वे अपना जीवनयापन कर परिवार का पालन-पोषण कर रहे थे, लेकिन अचानक रेलवे ने इन परिवारों के समक्ष संकट उत्पन्न कर दिया।
पुलिस ने किया हल्का बल प्रयोग
आगर रोड स्थित मकोडियाआम नेरोगेज पर रेलवे की जमीन पर पसरे अतिक्रमण को मंगलवार दोपहर को रेलवे ने हटा दिया। अतिक्रमण हटाने के दौरान पुलिस ने हल्का बल प्रयोग भी किया। रेलवे के सेक्शन इंजीनियरिंग विभाग व आरपीएफ के दल ने मौके पर पहुंचकर जमीन पर कई वर्षों से रह रहे घुमक्कड़ समाज के लोगों के आशियाने ध्वस्त कर दिए।
रेलवे की जमीन पर झौपड़ी में रहने वाले ये लोग महिदपुर तहसील के हैं, जो शहर में सब्जी व मजदूरी कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि रेलवे की इस कार्रवाई पर सवाल खड़े हो रहे हैं, क्योंकि आगर रोड पर ही कई रसूखदारों ने अतिक्रमण कर रखा है, जिसमें गुमटी व पक्का निर्माण कर लिया गया, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
70 लोग हुए बेघर
रेलवे की जमीन पर लगभग 10 परिवार के 60 से 70 लोग निवास करते हैं। इन में 20 तो स्कूल के बच्चे हैं। अधिकारियों का दल जिस समय मौके पर अतिक्रमण हटाने पहुंचा, उस समय झोपडि़यों में महज महिलाएं थी, बच्चे स्कूल गए थे व पुरुष मजदूरी करने गए थे। मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने जाते से ही झोपडि़यों को गिराना प्रारंभ कर दिया। यहां तक कि रहवासियों को अपना सामन भी नहीं हटाने दिया।
दो दिन की मोहलत दी जाए
जब इसकी सूचना पुरुषों को मिली तो वह मौके पर पहुंचे और विरोध करने लगे, लेकिन पुलिस ने एक नहीं सुनी, रहवासियों का कहना था कि उन को २ दिन की मोहलत दी जाए। अतिक्रमण हटाने से पहले उन को सूचना देनी थी। रेलवे ने कालूनाथ, फौजी नाथ, चमन नाथ, रमेश नाथ, रतन नाथ, राजू नाथ, काथू नाथ, उमराव नाथ, भगवान नाथ आदि के अशियाने हटा दिए हैं।
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