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राजकपूर का जन्म दिन: मप्र के इस शहर में छुपा है उनका यह “खास राज”

Ujjain News: हरफनमौला अदाकार राजकपूर अपनी फिल्म श्री-420 के एक गाने की शूटिंग करने मुंबई से शाजापुर सिर्फ इसलिए पहुंचे, क्योंकि वह मुंबई से 420 मील दूर था।

उज्जैनDec 14, 2019 / 12:38 pm

Lalit Saxena

Ujjain News: हरफनमौला अदाकार राजकपूर अपनी फिल्म श्री-420 के एक गाने की शूटिंग करने मुंबई से शाजापुर सिर्फ इसलिए पहुंचे, क्योंकि वह मुंबई से 420 मील दूर था।

अनीस खान@शाजापुर/उज्जैन. शो मैन के नाम से मशहूर, हिंदी सिनेमा के चार्ली चैपलिन, गहरी नीली आंखों वाले हरफनमौला अदाकार राजकपूर अपनी फिल्म श्री-420 के एक गाने की शूटिंग करने मुंबई से शाजापुर सिर्फ इसलिए पहुंचे, क्योंकि वह मुंबई से 420 मील दूर था। उसी स्थान पर उन्होंने मेरा जूता है जापानी… गाने को शूट किया, जहां मील पूरे हो रहे थे। इस एक गाने के लिए उन्होंने अपनी पूरी यूनिट को मुंबई से शाजापुर बुला लिया। गाना हिट हुआ, पर्दे पर शाजापुर का नाम अमर हो गया।

लोगों को उनकी सुपरहिट फिल्म श्री-420 याद आती है
फिल्म स्टार राजकपूर का नाम आते ही लोगों को उनकी सुपरहिट फिल्म श्री-420 याद आती है। फिल्म श्री-420 में 420 का रहस्य शाजापुर से जुड़ा है। इसीलिए इसकी शूटिंग के लिए राजकपूर को शाजापुर आना पड़ा था और शूटिंग भी यहीं से शुरू की थी। करीब 64 साल पहले बनी फिल्म श्री-420 वर्ष 1955 में रिलीज की गई थी। जिसकी कुछ यादें शाजापुर से जुड़ी हैं। 14 दिसंबर को महशूर फिल्मकार व अभिनेता राजकपूर का जन्म दिवस है।

मुंबई से 420 मील दूर से शुरू करना चाहते थे शूटिंग

बता दें कि राजकपूर श्री-420 की शूटिंग मुंबई से 420 मील दूर से शुरू करना चाहते थे। इसलिए उन्होंने शाजापुर के समीप कनासिया नाका पर 420 मील दूर बम्बई 420 मील का बोर्ड लगाया। उस समय वहां से शाजापुर 16 मील और देवास 21 मील की दूरी पर था। यही वजह थी कि राजकपूर को शाजापुर जिले से शूटिंग शुरू करना पड़ी।

हाईवे की लोकेशन भा गई
फिल्म की लोकेशन के लिए राजकपूर को हाईवे की लोकेशन भा गई। जिसके बाद उन्होंने ‘मेरा जूता है जापानी, ये पतलून इंग्लिशतानी’ की शूटिंग भी यहीं से शूरू की, जिसमें पुराने हाईवे की स्थिति नजर आती है।

शूटिंग देखने पहुंचे थे हजारों लोग
पूर्व विधायक पुरुषोत्तम चंद्रवंशी बताते हैं कि जब राजकपूर फिल्म की शूटिंग हो रही थी, तब हजारों लोग वहां कलाकारों देखने के लिए पहुंचे थे। उस दौर में स्टूडियो में ही शूटिंग हुआ करती थी, लेकिन राजकपूर के आने पर अनेक लोग उन्हें देखने और मिलने के लिए उत्साहित थे। चंद्रवंशी ने कहा कि उस समय वे बहुत छोटे थे। उन्होंने फिल्म में वह सीन भी देखा है, जिसमें शाजापुर दर्शाया गया है।

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