ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला ने बताया श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा पर रक्षाबंधन पर्व मनाया जाता है। इस दिन श्रावण सोमवती पूर्णिमा का भी योग है। संयोग से इस बार सोमवार के दिन पूर्णिमा तिथि का भोग काल 21 घंटे 28 मिनट रहेगा। साथ ही पूर्णिमा का आरंभ उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में होगा। यह नक्षत्र सुबह 7.20 तक रहेगा। इसके बाद श्रवण नक्षत्र आरंभ होगा। सोमवार को श्रवण नक्षत्र का होना सर्वार्थ सिद्धि की श्रेणी में आता है।
आयु बढ़ाने वाला होता है आयुष्मान योग :-:
धर्मशास्त्र की मान्यता से देखें तो सर्वार्थ सिद्धि योग के संयोग में रक्षाबंधन का आना, साथ ही प्रीति/आयुष्मान योग व मकर राशि का चंद्रमा, कम समय के कालखंड में नक्षत्र योगों का परिवर्तन अपने आपमें भिन्न हैं। माना जाता है, कि पूजन करने से महिलाओं को विशेष ऊर्जा और शक्ति की प्राप्ति होती है, जिसके द्वारा रक्षा के बंधन को शक्तिशाली बनाया जा सके। आयुष्मान योग आयु बढ़ाने वाला बताया जाता है।
यह है विशेष मूहुर्त :-:
महाकाल के बाद अब आप भी बांध सकते हैं राखी
महाकालेश्वर ज्योर्तिलिंग मंदिर में सोमवार को रक्षा बंधन पर भस्मारती के बाद सबसे पहले राखी बांधी गई। पुजारियों ने बाबा महाकाल को 11 हजार लड्डुओं का भोग भी लगाया। परंपरा के मुताबिक उज्जैन में सभी त्योहार सबसे पहले महाकाल मंदिर के साथ मनाए जाते हैं। बाबा महाकाल की श्रावण मास के अंतिम सोमवार को सवारी भी निकाली जाएगी। 10 अगस्त को भादौ मास की पहली तथा 17 अगस्त को श्रावण-भादौ मास की शाही सवारी निकाली जाएगी। भगवान सोमवार को भक्तों को मनमहेश और चंद्रमौलेश्वर के रूप में दर्शन देंगे।