scriptमहाकाल को नहीं पड़ता भद्रा का साया, धूमधाम से बांधी गई राखी, सवा लाख लड्डुओं का भोग भी लगा | raksha bandhan 2022 mahakal mandir muhurat timings bhadra news | Patrika News

महाकाल को नहीं पड़ता भद्रा का साया, धूमधाम से बांधी गई राखी, सवा लाख लड्डुओं का भोग भी लगा

locationउज्जैनPublished: Aug 11, 2022 02:24:49 pm

Submitted by:

Manish Gite

raksha bandhan 2022- विश्व में सबसे पहले बाबा महाकाल को बांधी जाती है राखी, राखी के साथ लगा सवा लाख लड्डुओं का भोग…।

bhadra.png

 

उज्जैन। इस रक्षाबंधन (raksha bandhan 2022) पर पूरी दुनिया भद्रा काल से डरती रही। रक्षाबंधन मनाए जाने के मुहूर्त (shubh muhurth) और उसकी तिथियों को लेकर भ्रम की स्थिति रही। कई पंडितों और ज्योतिषाचार्यों ने के अलग-अलग मत थे। कोई 11 अगस्त तो कोई 12 अगस्त को राखी बंधवाने के लिए कहता रहा। लेकिन, इन सबसे अलग कालों में काल महाकाल ऐसे हैं जिन पर किसी भद्रा का साया नहीं रहा। हर साल की तरह विश्व में सबसे पहले बाबा महाकाल को राखी बांधी गई।

गुरुवार सुबह भस्म आरती के बाद बाबा महाकाल को राखी बांधी गई। बाबा महाकाल को सबसे पहले राखी बांधी जाती है। इसके अलावा देश में जो भी त्योहार मनाए जाते हैं, वो सबसे पहले बाबा महाकाल के दरबार में मनाए जाते हैं।

 

https://www.dailymotion.com/embed/video/x8cz6l2

सवा लाख लड्डुओं का महाभोग लगाया

भस्म आरती के बाद बाबा महाकाल की आरती हुई, जिसमें बाबा को सवा लाख लड्डुओं का भोग लगाया गया। मंदिर के पुजारियों ने महाभोग अर्पित किया। इसके बाद यह लड्डु श्रद्धालुओं में वितरित किए जा रहे हैं। यह सिलसिला दिनभर चलता रहेगा।

 

क्या होती है भद्रा, उसे अशुभ क्यों माना जाता है?

किसी भी मांगलिक कार्य के लिए भद्रा काल में मंगल उत्सव की शुरुआत और समाप्ति अशुभ मानी गई है। पुराणों में बताया गया है कि भद्रा भगवान सूर्यदेव की पुत्री और राजा शनि की बहन हैं। शनि की तरह ही इसका स्वभाव भी कड़क बताया जाता है। उनके स्वभाव को नियंत्रित करने के लिए ही भगवान ब्रह्मा ने उन्हें काल गणना या पंचांग के एक प्रमुख अंग विष्टिकरण में स्थान दिया था। भद्रा की स्थिति में कुछ शुभ कार्यों, यात्रा और उत्पादन आदि कार्यों को निषेध माना गया है, किन्तु भद्राकाल में तंत्र कार्य, अदालती और राजनीतिक चुनाव कार्य सुफल देने वाले माने गए हैं।

 

पंडितों के मुताबिक यह है शुभ मुहूर्त

चर- सुबह 10.45 बजे से 12.24 बजे तक
लाभ- दोपहर 12.24 बजे से 14.04 तक
अमृत- दोपहर 2.04 बजे से 15.43 बजे तक
शुभ- शाम 5.22 बजे से 7.02 बजे तक

ट्रेंडिंग वीडियो