वास्तुशास्त्र को लेकर लोगों में कई भ्रांतियां हैं, लेकिन अज्ञानता के कारण हमारी ये सदियों पुरानी परंपरा बाजारवाद की जकड़ में आ गई है। असल में वास्तुशास्त्र तोडफ़ोड़ करना नहीं, बल्कि लैंड एनर्जी का पॉजिटिव तरीके से इस्तेमाल करना है। वास्तुशास्त्र हमारे देश में पांच हजार साल पुराना है, जो स्थापत्य वेद से निकला है। इसमें सब कुछ लॉजिकल होता है। भारत में इसे हवा की दिशा के हिसाब से तैयार किया है।
घर में पेड़ लगाने से हरियाली आती है और घर में रहने वाले लोग हमेशा स्वस्थ रहते हैं, लेकिन कई बार आपके द्वारा लगाए गए पेड़-पौधे अच्छे परिणाम नहीं देते, क्योंकि उनमें वास्तुदोष होता है। तो आइए जानें, वास्तुदोष कैसे दूर करें ?
ये पेड़ शुभ फल देते हैं
तुलसी: यह पौधा नकारात्मकता दूर करता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार तुलसी का पौधा घर या ऑफिस की पूर्व दिशा या पूर्व-उत्तर के कोने में रखना चाहिए। इससे धन लाभ और मानसिक शांति मिलती है। इस पौधे को दक्षिण दिशा में नहीं रखना चाहिए।
सफेद मदार: यह पौधा पूर्व-उत्तर के कोने में या इन दिनों दिशाओं में लगाया जा सकता है। इससे धन लाभ और अचानक फायदा होता है। इस पौधे के शुभ फल से हर तरह के काम सिद्ध होते हैं और दुश्मनों पर जीत मिलती है। मनमुटाव नहीं होता और प्रेम बना रहता है।
केले का पेड़: वास्तु शास्त्र के अनुसार केले का पेड़ ईशान कोण में यानी पूर्व-उत्तर दिशा में होना चाहिए। इस पेड़ के प्रभाव से मन शांत रहता है। आकर्षण बढ़ता है। हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं। इसके प्रभाव से घर में शांति और सुख बढ़ता है।
आंवला: यह पेड़ हर तरह का पाप खत्म करता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार आंवला के वृक्ष पर सभी देवताओं का वास है। घर या ऑफिस में आंवले का पेड़ उत्तर या पूर्व दिशा में होना चाहिए। इससे हर तरह की इच्छाएं पूरी होती हैं और घर का हर तरह का कष्ट निवारण हो जाता है।
अशोक: इस पेड़ को घर या ऑफिस की उत्तर दिशा में लगाना चाहिए। इससे हर तरह का दोष खत्म होता है। सेविंग बढ़ती है और नकारात्मकता दूर होती है।