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Republic Day: गणतंत्र दिवस: उज्जैन में अमर शहीदों का अनूठा मंदिर

locationउज्जैनPublished: Jan 26, 2020 11:31:36 am

Submitted by:

Lalit Saxena

Ujjain News: 21 परमवीर और कर्मवीरों की प्रतिमाओं के साथ 12 ज्योतिर्लिंगों के एकसाथ होते हैं यहां दर्शन

Republic Day: A unique temple of immortal martyrs in Ujjain

Ujjain News: 21 परमवीर और कर्मवीरों की प्रतिमाओं के साथ 12 ज्योतिर्लिंगों के एकसाथ होते हैं यहां दर्शन

उज्जैन. धर्म की नगरी उज्जैन में शहीदों का मंदिर यानी भारत सेवक मंदिर बनाने वाले पूर्व जिला एवं सत्र न्यायाधीश दानसिंह चौधरी मूलत: महू के रहने वाले थ। पिछले वर्ष उनका निधन हो गया है। चौधरी 1980 से 1982 के बीच उज्जैन में सिविल जज पर पदस्थ रहते हुए शहर में शहीदों के मंदिर बनाने का ख्याल आया। वे उज्जैन में एफ 3/7 ऋषिनगर में रहते थे, लेकिन बाद में वे केसरबाग इंदौर में पुत्र प्रो. प्रवीण चौधरी के साथ रहने लगे थे। उन्होंने सेवानिवृत्ति के बाद हरसिद्धि-लालपुल मार्ग पर पेंशन के रुपयों से भारत सेवक मंदिर की स्थापना की थी। इससे पहले वे आरसी जाल विधि कॉलेज महू के प्राचार्य भी रहे। इस मंदिर में शहीदों के परिजनों का नियमित आना लगा रहता है, वे वर्ष में एक आयोजन शहीद दिवस यानी 30 मार्च पर किया करते थे। उन्होंने गीता सरलतम सारयुक्त पुस्तक भी लिखी थी।

इन कर्मवीरों की है यहां आदमकद प्रतिमाएं
इस मंदिर में 21 परमवीर सोमनाथ शर्मा, करमसिंह, रामराघोबा राणे, जादूनाथ सिंह, पीरू सिंह, गुरुवचन सिंह, धानसिंह थापा, जोगेंद्रसिंह, शैतानसिंह, अब्दुल हमीद, एबी तारापुर, अल्बर्ट इक्का, निर्मलजीत सिंह, अरुण खेत्रपाल, होशियार सिंह, बानासिंह, रामा स्वामी, विक्रम बत्रा, मनोजकुमार पांडे, योगेंद्रसिंह यादव, संजयकुमार की मूर्ति लगी है। कर्मवीर यानी ऐसे लोग जो अपने कर्म से दुनिया में महान बने यानी महात्मा गांधी, डॉ. भीमराव अंबेडकर, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, रवींद्रनाथ टैगोर, जवाहरलाल नेहरू की प्रतिमाएं भी हैं। साथ ही आजाद हिंद फ ौज का गठन करने वाले नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा स्थापित है। मंदिर में करीब 50 मूर्तियां लगी हैं और सभी के नीचे उनकी जीवनी लिखी है। मंदिर में परमवीर चक्र प्राप्त सैनिकों के अलावा युवाओं को प्रेरणा देने के लिए विवेकानंद और खिलाडिय़ों के लिए ध्यानचंद की मूर्तियां भी हैं। इसके अलावा तस्वीरों में भारत का इतिहास, संस्कृति, भूगोल, कला, खेल, नदियों आदि की जानकारियां दी गई हैं।

आजादी के बाद इन्होंने संभाला प्रथम पद
आजादी के बाद विभिन्न क्षेत्रों में जो प्रथम पद पाने वाले अधिकारी रहे हैं, उनकी प्रतिमाएं भी यहां स्थापित की गई हैं। इनमें प्रथम थल सेना अध्यक्ष जनरल केएम करीअप्पा, प्रथम फील्ड मार्शल जनरल मानेकशा तथा वायुसेना अध्यक्ष अर्जुनसिंह की प्रतिमा स्थापित की गई है। प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू, प्रथम लोकसभा अध्यक्ष मावलणकर, प्रथम महिला राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, प्रथम नोबल विजेता मदर टेरेसा की प्रतिमा भी स्थापित की हैं।

लोग बनाएं इन्हें आदर्श
रिटायर्ड जज चौधरी कहते थे कि देश के परमवीर और कर्मवीरों को नई पीढ़ी पहचाने, उन्हें अपने आदर्श के रूप में अपनाए, यही उनका लक्ष्य था। 2003 में जिला एवं सत्र न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद अपनी पेंशन की राशि से नृसिंह घाट के पास करीब 10 हजार वर्ग फुट जगह में शहीदों के मंदिर के निर्माण की नींव रखी। 2009 में इसकी स्थापना की। शुरुआत में तस्वीरों के जरिए भारत की गाथा बताई। एक साल बाद परमवीर और कर्मवीरों के स्टेच्यू स्थापित किए।

20 सेकंड में पूरे भारत की परिक्रमा
मंदिर के भीतर भारत माता का नक्शा स्थापित किया गया है। इसमें सभी 12 ज्योतिर्लिंग बनाए हैं। महज 20 सेकंड में भारत की परिक्रमा कर सकते हैं और सभी ज्योतिर्लिंग के दर्शन भी कर सकते हैं।

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