नानाखेड़ा वार्ड ४८ की २५ से अधिक कॉलोनी में हर दूसरे घर में चर्म रोग, कब्जियत, बाल झडऩे की समस्या, लिवर इन्फेक्शन, किडनी इन्फेक्शन जैसी बीमारी से लोग पीडि़त हैं। रहवासियों को शुद्ध पेयजल के लिए रोजाना संघर्ष करना पड़ता है। पत्रिका ने लोगों के दर्द को समझा और इस मुद्दे को उठाते हुए अफसरों के सामने हकीकत बयां की। कॉलोनी के रहवासी भी पत्रिका के साथ आएं तो जनप्रतिनिधियों व अफसरों की नींद खुली। इसके बाद पिछले दिनों महापौर व विधायक ने इन कॉलोनियों का दौरा कर महेश विहार कॉलोनी में ५ लाख गेलन क्षमता वाली पानी की टंकी का निर्माण करने का निर्णय लिया। जनप्रतिधियों व निगम अधिकारियों का कहना था कि १० जनवरी के बाद क्षेत्र में पाइप लाइन डलने के साथ टंकी निर्माण का टेंडर निकाल कर प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। अब तक यह काम शुरू नहीं हो पाया है और प्रस्ताव प्रक्रिया में चला गया।
आचार संहिता लग जाएगी तो काम रुकेगा
नानाखेड़ा क्षेत्र कॉलोनी की पेयजल संघर्ष समिति के रवि भूषण श्रीवास्तव व देवेन्द्र व्यास ने पत्रिका को बताया कि आने वाले दिनों में चुनाव के चलते आचार संहिता लग जाएगी। ऐसे में निर्माण कार्य प्रभावित होंगे। यह स्थिति अगले तीन सालों तक रहेगी। ऐसे में शहर की महापौर व विधायक ने उनके साथ छलावा कर कौरा आश्वासन दिया है। जबकि १० जनवरी से क्षेत्र में पाइप लाइन डलवाने का वादा विधायक मोहन यादव ने टॉवर चौराहे पर रहवासियों से किया था। अब जनवरी माह भी निकल रहा है। इधर पीएचई कार्यपालन यंत्री धर्मेन्द्र वर्मा का कहना है कि एमआईसी में प्रस्ताव पारित होने के बाद ही इसकी टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी। उसके बाद ही काम हो सकेगा।
३ करोड़ की लागत से टंकी बनाने की योजना
महेश विहार में २० मीटर ऊंची व ५ लाख गेलन पानी की क्षमता वाली टंकी का निर्माण होगा। जिससे आसपास की ५० कॉलोनियों को पेयजल आपूर्ति की जा सकेगी। इसके साथ ही ६ करोड़ रुपए की लागत से क्षेत्र में पाइप लाइन डालने का कार्य किया जाएगा।
एमआईसी में प्रस्ताव पारित होगा इसके बाद ही इसके टेंडर और निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो पाएगी। १० जनवरी से कार्य शुरू होने का वादा किया था, मुझे जानकारी नहीं है।
धर्मेंद्र वर्मा, कार्यपालन यंत्री, पीएचई