उज्जैन

दो माह से नहीं मिला वेतन, कम उपस्थिति का हवाला देकर लौटाया

शहर के दो केंद्रों पर करीब 150 लोग ले रहे हंै रोजगार संबंधित ट्रेनिंग

उज्जैनMay 29, 2019 / 12:19 am

Mukesh Malavat

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नागदा. मप्र मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना व मुख्यमंत्री कौशल्या योजना शिक्षित बेरोजगारों के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है। दरअसल शहर के करीब 318 शिक्षित बेरोजगार युवक युवतियां योजना के अंतर्गत पंजीयन कराया था, जिसमें से शहर के दो केंद्रों पर करीब 150 लोग रोजगार संबंधित ट्रेनिंग ले रहे थे। युवक युवतियों को करीब 2 माह से अधिक समय होने के बाद भी वेतन प्राप्त नहीं हो सका है। योजना अनुसार प्रशिक्षण लेने वाले युवक युवतियों को प्रतिमाह 4 हजार रुपए वेतन दिया जाना निर्धारित है। विडम्बना यह है कि दो माह से अधिक समय का प्रशिक्षण व सेवा देने के बाद भी उक्त लोगों का वेतन नहीं मिल सका है। मामले से परेशान युवक-युवतियों का एक जत्था मंगलवार दोपहर को नपाध्यक्ष अशोक मालवीय के समक्ष अपनी परेशानी लेकर पहुंचा। नपाध्यक्ष मालवीय ने प्रशिणार्थियों को ट्रैनिंग केंद्र का संचालन करने वाले अफसर से पूरे मामले की जानकारी लेते हुए परेशानी का हल करने का आश्वासन दिया।
क्या है पूरा मामला
मप्र मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना व मुख्यमंत्री कौशल्या योजना शिक्षित बेरोजगार योजना अंतर्गत ट्रेनिंग लेने वाले विद्यार्थियों को रोजगार के अवसर मुहैया कराए जाते है। उक्त योजना के अंतर्गत शहर में करीब 150 शिक्षित बेरोजगार पंजीकृत है। जिनमें से महज 35 प्रशिणार्थियों का ही वेतन आ सका है। अन्य विद्यार्थियों का वेतन दो माह से नहीं मिला है। परेशानी को लेकर कई लोगों ने सीएम हेल्पलाइन पर भी शिकायत की है। अफसरों से वेतन नहीं मिलने का कारण पूछे जाने पर अफसरों का कहना है कि जिन लोगों का वेतन नहीं मिला है। उनकी उपस्थिति 70 प्रतिशत से कम है। शासन के नियमानुसार 70 प्रतिशत उपस्थिति वाले प्रशिणार्थियों को 4 हजार रुपए वेतन के रूप में प्राप्त होते है।
दो बार लगाना पड़ती है उपस्थिति
योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण लेने वाले विद्यार्थियों को प्रतिदिन प्रशिक्षण स्थल या ट्रैनिंग सेंटर पर पहुंचकर चार घंटे की उपस्थिति दर्शाना अनिवार्य है। पहला जिस स्थान पर विद्यार्थी कम्प्यूटर का प्रशिक्षण लेते है और दूसरा जिस स्थान पर रोजगार का प्रशिक्षण लेते है। शहर में शेषशायी महाविद्यालय व प्रकाश स्थित बालनिकेतन विद्यालय को विद्यार्थियों के लिए ट्रैनिंग सेंटर बनाए गए है।
योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण लेने वाले लोगों की 70 प्रतिशत उपस्थिति होना अनिवार्य है, जिसके लिए विद्यार्थियों को बॉयोमेट्रिक के जरिए उपस्थिति दर्शाना होती है। जिन लोगों को वेतन नहीं मिला है, उनकी उपस्थिति 70 प्रतिशत से कम है।
उपेंद्रसिंह, प्रभारी,कौशल संवर्धन योजना

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