उज्जैनPublished: May 31, 2019 12:48:32 am
Mukesh Malavat
समर्थन मूल्य पर चने की उपज बेचने में कुछ किसान खुद बने व्यापारी
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नागदा. शहर से करीब 3 किमी दूर ग्राम रूपेटा मार्ग स्थित उपार्जन केंद्र पर समर्थन मूल्य पर खरीदी जा रही चने की उपज में कुछ किसानों द्वारा धांधली करने का मामला सामने आया है। ये किसान हल्की क्वालिटी का चना कम दाम पर खरीदकर बेचने के लिए उपार्जन केंद्र पर पहुंच रहे है। ऐसे में केंद्र प्रभारी की फजीहत हो गई है कि उनकी उपज किस आधार पर खरीदी जाएं। यदि केंद्र प्रभारी इनकी उपज लेने से इनकार करता है तो हंगामा करने लगते है। गुरुवार की शाम 4 बजे करीब उपार्जन केंद्र पर इसी तरह का एक मामला सामने आया है। इस दौरान नरेंद्र जाट नामक किसान डंक लगे हुए चले समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए पहुंचा, लेकिन केंद्र प्रभारी ने लेने से इनकार कर दिया। इस दौरान दोनों के बीच काफी बहस हुई। उसके बाद जाट ने केंद्र प्रभारी पर राजनीतिक दबाव बनाने का प्रयास भी किया लेकिन केंद्र प्रभारी ने नियम के दायरे में उपज तौलने की बात बोलकर ट्रॉली लौटा दी। ऐसे तीन किसान हल्की क्वालिटी का चना लेकर उपार्जन केंद्र पहुंचे थे, उनकी उपज भी नहीं तौली गई।
ऐसे चल रहा धांधली का खेल
इस व्यापार से जुड़े लोगों के अनुसार उपार्जन केंद्र पर चने की उपज बेचने में कुछ किसान बाजार से कम दाम पर खरीदकर समर्थन मूल्य में उपज बेचने में लगे हुए है। क्योंकि बाजार में चने की उपज 4000 से 4400 रुपए तक खरीदी जा रही है। वहीं डंक लगे हुए चने की उपज के दाम 3600 से 3800 रुपए के हैं, जबकि समर्थन मूल्य पर 4620 में चने की उपज खरीदी जा रही है। राशि में डिफरेंस का लाभ कमाने के चक्कर में कुछ किसान बाजार से खरीदी कर चने की उपज उपार्जन केंद्र पर बेचने में लगे है।
गुणवत्ता के दायरे में नहीं होने की वजह से ऐसे किसानों की उपज नहीं ली जा रही है। राजनीतिक दबाव जैसी कोई बात नहीं है।
रवींद्र शर्मा, उपार्जन केंद्र प्रभारी