उज्जैनPublished: Jan 02, 2018 09:11:09 am
Gopal Bajpai
अगले दो साल आरएसएस इसी ध्येय पर करेगी काम, अभा समन्वय बैठक में तय हुए लक्ष्य, राष्ट्रीय संघ नेताओं का उज्जैन में डेरा
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उज्जैन (राहुल कटारिया). हिंदू समाज की जातियों में ऊंच-नीच का भेदभाव पूरी तरह से दूर करने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पूरे देश में प्रभावी अभियान चलाएगा। हिंदूत्व को मजबूत करने व सभी जातियों के बीच वजूद कायम करने के लिए संघ के स्वयं सेवक गांव-गांव पहुंचकर इस लक्ष्य पर काम करेंगे। संघ का लक्ष्य है कि साल २०२० तक देश के किसी भी कौने में हिंदू जातियों के बीच वर्ण भेद ना रहे। उज्जैन में जारी आरएसएस की अखिल भारतीय समन्वय बैठक में सोमवार को संघ प्रमुख मोहन भागवत की मौजूदगी में इसके सहित अन्य मुद्दों पर मंथन चला। संघ पिछले दो साल से जात-पात का भेद मिटाने पर काम कर रहा है। सैकड़ों गांवों में जातियों के बीच सामंजस्य कायम हुआ है। इसे ओर गति देने के लिए अब स्वयंसेवक प्रत्येक जिलों में ग्राम सभाओं के जरिए इस पर काम करेंगे। सूत्र वाक्य यहीं दिया गया है कि जब गांव एक तो फिर मंदिर, श्मशान व जलाशय भी हों एक। संघ नेताओं का मानना है कि जातियों में सामंजस्य रहेगा तो ही हिंदूत्व शक्ति ओर मजबूत बनेगी।
३० प्रतिनिधि पहुंचे, आज भी मंत्रणा
महाकालेश्वर मंदिर के पास माधव सेवा न्यास भवन में संघ की अभा समन्वय बैठक चल रही है। सूत्रों के अनुसार सोमवार को दो चरणों में राष्ट्रीय स्तर के ३० प्रतिनिधियों ने अपने क्षेत्र संबंधी गतिविधियों व बेहतर कामों की जानकारी प्रस्तुत की। संभवत: मंगलवार को राजनीतिक एजेंडे पर चर्चा होगी।
उज्जैन का भारत माता मंदिर रोल मॉडल
महाकाल मंदिर के पास लाल पत्थर का भव्य भारत माता मंदिर निर्मित हुआ है। इसी के पास न्यास भवन में संघ की बैठक चल रही है। संघ का मानना है आम जन में राष्ट्र प्रेम व जागृति निर्माण के लिए अन्य शहरों में भी ऐसे मंदिर बनना चाहिए या पूर्व से निर्मित मंदिरों में भारत माता की प्रतिमा स्थापित हो। सूत्रों के अनुसार संघ इस प्रकल्पना को रोल मॉडल बनाकर सभी प्रांतों में भारत माता की प्रतिमा स्थापित कराएगा।