लंबे इंतजार के बाद कैंसर यूनिट अब तक कैंसर अस्पताल का रूप नहीं ले पाई, लेकिन अपनी हदों से बाहर जाकर भी सेवा और उपचार में जुटी है। कैंसर यूनिट प्रभारी डॉ. सीएम त्रिपाठी ने टेली मेडिसिन सुविधा शुरू की। वह मरीजों को काउंसलिंग के साथ उपचार भी कर रहे हैं। विभिन्न प्रदेशों को दोतीन मरीज प्रतिदिन टेली मेडिसिन सुविधा से जुड़ते हैं। मरीज या उनके चिकित्सक डॉ. त्रिपाठी से संपर्क कर उपचार में मार्गदर्शन प्राप्त करते हैं।
वाट्सऐप पर भी उपचार
प्रदेश के 51 जिलों के मरीजों को टेली मेडिसिन से जुड़ने की सुविधा मिली है, वहीं गुजरात, राजस्थान, हिमाचल, यूपी, बिहार सहित 8 प्रदेशों के 198 जिलों के मरीज वाट्सऐप पर सपर्क करते हैं। विभिन्न प्रदेशों के अलगअलग वाट्सऐप ग्रुप बनाए हैं, जिनमें मरीजों की समस्या की जानकारी दी जाती है। विशेषज्ञ निदान में मदद करते हैं। इसमें ट्यूमर बोर्ड भी जुड़ा है।
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कैंसर में चार परेशानी, इन्हें दूर करने का प्रयास
डॉ त्रिपाठी बताते हैं, कैंसर की बीमारी में मरीज चार बड़ी परेशानी का सामना करता है। हम मरीजों की चारों समस्याओं को कम करने की कोशिश करते हैं। टेली मेडिसिन मरीजों के लिए बड़ी सुविधा है। वे जिस शहर में रह रहे हैं वहीं बीमारी व उपचार की जानकारी प्राप्त कर लेते हैं।
1. घातक बीमारी के कारण मरीज फोबिया का शिकार हो जाता है।
2. उपचार आसानी से उपलब्ध नहीं होता है।
3. मरीज और उनके परिजन के समक्ष रुपयों की समस्या।
4. इलाज के लिए आवागमन भी बड़ी चुनौती होती है।
5 हजार से अधिक मरीज यूनिट में करवा चुके उपचार
उज्जैन कैंसर यूनिट में 5 हजार से अधिक मरीज जांच और उपचार करा चुके हैं। संभागभर व आसपास के 500 कैंसर मरीज पंजीकृत हैं। करीब 1500 मरीज कीमोथैरेपी का लाभ ले चुके हैं वहीं 300 मरीजों ने पेलेटिव केयर प्राप्त किया है।

मरीजों को यह मिल रहा है लाभ
● टेली मेडिसिन से डॉक्टर से ऑनलाइन संपर्क कर इलाज ले सकते हैं।
●मरीज की स्थिति अनुसार उनकी काउंसलिंग की जाती है, क्या बेहतर है।
● मरीजों के आनेजाने का खर्च व समय बच रहा है।
● अपॉइंटमेंट के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ता।
● कम खर्च में आसानी से काउंसलिंग का लाभ मिल रहा है।
● उपलब्ध दवा मिल जाती हैं, नहीं तो कहां से मिलेंगी, इसकी जानकारी होती है।