संस्कृत फिल्म फेस्टिवल का आयोजन महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय और कालिदास संस्कृत अकादमी संस्कृति परिषद द्वारा किया जा रहा है। संस्कृत चलचित्र उत्सव की शुरूआत संस्कृत नाट्य विधा को समर्पित नांदी वाक्य और विश्वविद्यालय कुलगान के गायन से हुई। पहले दिन जीवी अय्यर द्वारा निर्देशित फिल्म शंकराचार्य का प्रदर्शन किया गया। फिल्म में संस्कृत उच्चारण पर विशेष ध्यान दिया गया है।
उत्सव में संस्कृत सीख रहे बटुक और विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों, प्राध्यापकों और संस्कृत में रुचि रखने वाले लोग शामिल होने आ रहे हैं। उत्सव के पहले दिन फिल्म शंकराचार्य का निर्माण 1983 में हुआ था। इसमें एम. बालमुरली कृष्ण ने संगीत दिया था। जो पूरी फिल्म के महत्वपूर्ण पात्र दर्शकों पर अपनी छाप छोड़ते नजर आए, फिल्म में जीएल अय्यर, एमवी नारायण राव, लीला नारायण राव और सर्वदमन डी. बैनर्जी ने काम किया था। आदि गुरू आदिशंकराचार्य के जीवन दर्शन को समझने के लिए इस फिल्म मील का पत्थर माना जाता है।
संस्कृत चलचित्र उत्सव में आज 23 फरवरी को फिल्म प्रियमानसम् दिखाई जाएगी। इसका निर्देशक विनोद मंकर ने किया है। गुरुवार 24 फरवरी को निर्देशक पीके अशोकन की फिल्म अनुरक्ति दिखाई जाएगी। 25 फरवरी को निर्देशक सुरेश गायत्री की फिल्म मधुरस्मितम् और 26 फरवरी को निर्देशक निधीश गोपी की फिल्म प्रतिकृति दिखाई जाएगी। 27 फरवरी को निर्देशक जीवी अय्यर की फिल्म भगवद गीता एवं 28 फरवरी को निर्देशक सुरेश शास्त्री की फिल्म मुद्राराक्षसम् का प्रदर्शन किया जाएगा। इन सभी फिल्में को शाम 5.30 बजे से दिखाया जाएगा।
फिल्म उत्सव के शुभारंभ में पहुंचे प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि जल्द ही महाकवि कालिदास और सम्राट विक्रमादित्य पर संस्कृत फिल्म बनाई जाएगी। कार्यक्रम में अध्यक्षता कर रहे पाणिनि विवि के कुलपति आचार्य विजयकुमार ने कहा कि प्रदेश में इस तरह के आयोजन होने से संस्कृत भाषा, साहित्य, संस्कृत नाट्य और अभिनय के क्षेत्र में अवसर भी प्राप्त होंगे।