शनिवार को विश्व थिकिंग डे है। आज ही के दिन स्काउट गाइड के संस्थापक लोर्ड रॉबर्ट बेडन पावेल और लेडी आलेव बेडन के जन्म दिवस था। शहर में भी कई विद्यार्थी स्काउट गाइड है। स्काउट गाइड जिला संघ पदाधिकारी रामेश्व देपन बताते हैं स्काउट गाइड में प्रथम, द्वितीय व तृतीय सोपान होते हैं। इन्हें पूर्ण करने पर शासकीय नौकरी में चयन के दौरान इसका लाभ मिलता है। यहां तक कि रेलवे में तो इसकी वैकेंसी भी निकाली जाती है लेकिन इससे भी अधिम महतवपूर्ण है विद्यार्थियों की जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव होना। देपन कहते हैं, स्काउट गाइड बच्चों को तरुण अवस्था में ही जिम्मेदार व आत्म निर्भर बनाता है। वे न सिर्फ अपना कार्य स्वयं करने की अभ्यस्त होते हैं बल्कि समाज में दूसरों की सेा का भाव भी स्थायी रूप से उनके स्थापित होता है। वे अनुशासित, इमानदार, कर्तव्यनिष्ठ बनते हैं। स्काउट गाइड बन युवक-युवति जो शिक्षा या आदत पाते हैं, वह उन्हें आगे बढऩे में पूरे जीवन मददगार साबित होती हैं।
शहर के आयोजन में होती है भूमिका
शहर में साल में कई बड़े धार्मिक आयोजन होते हैं। इसके अलावा पल्स पोलिया अभियान, शहर सौंदर्यीकरण जैसे अभियानों भी चलते है। शहर में होने वाले विभिन्न धार्मिक या शासकीय आयोजन और अभियानों में इन स्काउट गाइड की विशेष भूमिका रहती है। यही कारण है कि जब भी शहर में बड़ा आयोजन होता है, स्काउट गाइड की सेवा जरूर ली जाती है। जिला स्काउट गाइड प्रतिनिध अनिल सक्सेना बताते हैं, हर सिंहस्थ में बड़ी संख्या में स्काउट गाइड दिन रात जुट अपनी सेवा दी थी। इसके अलावा पल्स पोलियो अभियान आदि कार्यक्रमों में भी विशेष भूमिका निभाते हैं। देपन ने बताया, शिवरात्रि पर भी 4 टीमों के 50 से अधिक स्काउट गाइड विभिन्न व्यवस्थाओं में लगे थे।