डायलिसिस की दूसरी मशीन इसलिए हो गई बंद
जापान की मशीन में नहीं हुआ सुधार कार्य, मरीजों को अन्य शहरों में कराना पड़ रही डायलिसिस
जापान की मशीन में नहीं हुआ सुधार कार्य, मरीजों को अन्य शहरों में कराना पड़ रही डायलिसिस
शाजापुर. जिला अस्पताल में डायलिसिस कराने वाले मरीजों की परेशानी कुछ हद तक कम हुई है, लेकिन अभी भी एक मशीन बंद होने से मरीजों को फजीहत होना पड़ रहा है। १७ अक्टूबर को शाजापुर में चल रही डायलिसिस यूनिट की दोनों मशीन बंद हो गई थी। आरओ प्लांट खराब होने से बंद हुई एक मशीन में बुधवार को सुधार कार्य किया गया। जिसके बाद गुरुवार से मरीजों की डायलिसिस भी शुरू कर दी गई, लेकिन दूसरी मशीन अभी भी ठीक नहीं हो पाई है। अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक बंद मशीन जापान की है, जो तकनीकी खराबी के चलते बंद हो गई है, जिसके इंजीनियर नहीं मिलने के कारण उसमें सुधार नहीं हो पा रहा है। ऐसे में अब जिला अस्पताल में एक ही मशीन से डायलिसिस किया जाएगा। जिससे दो बार डायलिसिस वाले ६ मरीजों को ही डायलिसिस की सुविधा मिल सकेगी। अन्य मरीजों को अन्य शहरों में जाकर डायलिसिस कराना होगा। सिविल सर्जन डॉ. शुभम गुता ने बताया कि एक मशीन ठीक हो चुकी है, जिसमें डायलिसिस किया जा रहा है, जापानी मशीन के लिए सुधार के लिए संपर्क किया जा रहा है।
बता दें कि जिला अस्पताल में जिलेभर के ३० डायलिसिस मरीज दर्ज हैं, लेकिन दो मशीन होने पर मात्र १२ लोगों को ही डायलिसिस की जा रही थी। दोनों मशीन बंद होने से ८ दिनों तक यहां किसी भी मरीज की डायलिसिस नहीं की गई। दिल्ली के इंजीनियर द्वारा वीडियोकॉलिंग के माध्यम से गुरुवार को बंद हुए आरओ प्लांट में सुधार कराया। जिसके बाद एक मशीन चालू हो गई, लेकिन दूसरी जापानी मशीन की खराबी दूर नहीं हो पाई है, जिससे वह मशीन बंद है। ऐसे में अब ज्यादातर डायलिसिस मरीजों को अन्य शहरों में जाकर मरीजों की डायलिसिस कराना होगी।
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