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मकान पर जेसीबी चलते देख बुजुर्ग महिला बोली…. हाय मैं बर्बाद हो गई, सब कुछ चला गया

locationउज्जैनPublished: Jan 14, 2020 09:14:58 pm

Submitted by:

rishi jaiswal

सख्याराजे धर्मशाला के मैनेजर से विवाद, निर्माणाधीन मकान तोडऩे के बाद पड़ोस के मकान की ओर भी जेसीबी का पंजा घूमने से प्रभावित परिवार घबराया

मकान पर जेसीबी चलते ही बुजुर्ग महिला की भर आई आंख, समाजजन धरने पर बैठा

सख्याराजे धर्मशाला के मैनेजर से विवाद, निर्माणाधीन मकान तोडऩे के बाद पड़ोस के मकान की ओर भी जेसीबी का पंजा घूमने से प्रभावित परिवार घबराया

उज्जैन. देवासगेट स्थित सख्याराजे धर्मशाला के मैनेजर और झांझोट परिवार के बीच कुछ महीने पूर्व हुए विवाद के बाद मंगलवार को धर्मशाला के नजदीक अवैध निर्माणाधीन मकान को नगर निगम ने जमींदोज कर दिया। इस दौरान झांझोट परिवार के सदस्य उक्त निर्माण को नहीं तोडऩे का अनुरोध कर रहे थे लेकिन थोड़ी देर बाद उन्हें पता चला कि उनका मकान भी तोड़ा जाएगा तो सभी सकते में आ गए। हालांकि जमीन आबकारी विभाग की होने और विरोध बढऩे के चलते निगम ने कार्रवाई टाल दी। मामले में शाम को वाल्मीकि समाजजन पुलिस थाने पर जमा हुए और सख्याराजे धर्मशाला के मैनेजर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने की मांग की।
सिंधिया ट्रस्ट की संख्याराजे धर्मशाला के नजदीक विजय झांझोट व उनका परिवार रहता है। धर्मशाला के पास ही ट्रस्ट की जमीन पर विजय के एक अन्य रिश्तेदार द्वारा मकान बनाया जा रहा था। कुछ महीने पूर्व उक्त निर्माण को लेकर धर्मशाला के मैनेजर शिवभगतसिंह चौहान व झांझोट परिवार का विवाद हो गया था। मामले में झांझोट परिवार के कुछ सदस्यों के खिलाफ पुलिस प्रकरण भी दर्ज किया गया था। शिकायत के चलते नगर निगम ने कुछ दिन पूर्व अवैध निर्माण को लेकर बुजुर्ग शांताबाई झांझोट के नाम नोटिस भी जारी किया था। निर्माण अवैध पाए जाने पर मंगलवार दोपहर नगर निगम व प्रशासन दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे और निर्माणाधीन मकान तोड़ दिया। इसके बाद कौने में बना बुजुर्ग महिला का कमरा भी तोड़ दिया गया। महिला के गरीब व बुजुर्ग होने का हवाला देते हुए विजय झांझोट और परिजनों ने छोटे कमरे को नहीं तोडऩे की गुहार लगाई। कमरा तोडऩे के बाद अधिकारियों ने विजय व परिजनों से कहा कि आप का मकान हटाने का भी आदेश है, जल्द ही मकान खाली कर लो। यह सुनते ही सभी घबरा गए। परिजनों का कहना था कि हम वर्षों से यहां रह रहे हैं और हमारे मकान का तो कोई विवाद ही नहीं है, न ही कोई नोटिस दिया गया है। अचानक सभी बेघर हो जाएंगे, कम से कम एक दिन की मोहलत दी जाए। अधिकारी निर्देश का हवाला देते हुए कार्रवाई पर अड़े रहे। झांझोट परिवार ने मकान की जमीन धर्मशाला की न होकर आबकारी विभाग की होना बताया वहीं बिना पूर्व सूचना अचानक मकान तोडऩे की तैयारी को लेकर विरोध भी बढऩे लगा। बाद में निगम अमला झांझोट परिवार के मकान पर कार्रवाई किए बिना लौट गया।
समाजजनों का आक्रोश फूटा
कार्रवाई को लेकर शाम को समाजजनों का आक्रोश फूटा। आदर्श वाल्मीकि महापंचायत पदाधिकारी व सदस्यों सहित कई समाजजन देवासगेट पुलिस स्टेशन पहुंचे और विरोध जताया। झांझोट परिवार व समाजजनों ने आरोप लगाया कि धर्मशाला मैनेजर चौहान ने बुजुर्ग महिला से अभद्र व्यव्हार करने के साथ ही जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया। समाजजनों ने मैनेजर के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने की मांग की। पुलिस ने आवेदन देने और जांच करने का कहा लेकिन समाजजन नहीं माने। करीब तीन घंटे तक थाने पर प्रदर्शन के बाद वह अजाक थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाने का कह चले गए। आदर्श वाल्मीकि महापंचायत अध्यक्ष राकेश गिरजे के अनुसार यदि प्रकरण दर्ज नहीं होता है सीएम से समय लेकर उनसे शिकायत की जाएगी।
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