महिला पटवारी ने किया ऐसा काम कि हो गई चार साल की सजा
उज्जैनPublished: Jan 31, 2019 12:52:45 am
किसान से कृषि भूमि नामांतरण के लिए मांगी थी ढाई हजार रिश्वत, काम के बदले जमीन की रजिस्ट्री भी रख ली
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उज्जैन. ढाई हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़ाई महिला पटवारी रंजीता सोनगरा को विशेष न्यायालय ने दो धाराओं में चार-चार वर्ष की सश्रम कारावास तथा चार हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है। महिला पटवारी ने किसान की जमीन नामांतरण के मामले में रिश्वत मांगी थी, जिसे लोकायुक्त पुलिस ने रंगेहाथों पकड़ लिया था।
किसान बालकृष्ण पटेल ने २० जून २०१६ को लोकायुक्त पुलिस में शिकायत की थी उसने उज्जैन तहसील के ग्राम टंकारिया पंथ में अशोक खाती से डेढ़ बीघा कृषि भूमि खरीदी थी। इसकी रजिस्ट्री हो जाने के बाद कृषि भूमि के नामांतरण करने के लिए गांव टंकारिया पंथ हलका नंबर 13 की पटवारी रंजीता टेलर सोनगरा उससे रिश्वत के रूप में २५०० रुपए की मांग रही है। पटवारी रंजीता ने जमीन की मूल रजिस्ट्री अपने पास रख ली है। शिकायत पर लोकायुक्त निरीक्षक बसंत श्रीवास्तव ने ट्रेप की कार्रवाई करते हुए पटवारी रंजीता सोनगरा को २१ जून २०१६ को नानाखेडा स्थित उसके घर से २५०० रुपए रिश्वत लेते हुए पकड़ा। पटवारी ने रिश्वत की राशि पलंग पेटी पर बिछी चादर में छुपा दी थी। बाद में नोटों के नंबरों का मिलान करने पर वही नोट पाए गए जो शिकायतकर्ता को दिए थे। विवेचना उपरांत सितंबर २०१७ को न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत किया गया। विशेष न्यायाधीश एलडी सोलंकी ने पटवारी रंजीता सोनगरा को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 में चार वर्ष व धारा 13 (2) में चार वर्ष सश्रम कारावास तथा दोनों धाराओं में कुल 4000 रुपए की अर्थदंड की सजा सुनाई। सजा उपरांत पटवारी रंजीता को जेल भी भेज दिया गया।
बयान से मुकरा किसान, फिर भी मिली सजा
सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता बाल कृष्ण पटेल न्यायालय में अपने बयान से पलट गया था। किंतु प्रकरण में उपलब्ध परिस्थितिजन्य साक्ष्य, वॉइस रिकॉर्डिंग तथा विज्ञप्ति पंचों के अभिसाक्ष्य के आधार पर न्यायालय ने आरोपी पटवारी को दोषी मानते हुए सजा सुनाई। कोर्ट ने यहा तक कहा कि भ्रष्टाचार की बढ़ती प्रवृत्ति को रोकने के लिए कठोर दंड आवश्यक है।