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20 साल बाद दुर्लभ संयोग : श्राद्ध पक्ष में शनिश्चरी और सर्वपितृ अमावस्या एकसाथ

locationउज्जैनPublished: Sep 14, 2019 10:30:54 pm

Submitted by:

Lalit Saxena

Ujjain News: 28 सितंबर को त्रिवेणी संगम पर स्नान, तो सर्वपितृ मोक्ष के लिए रामघाट, गयाकोठा और सिद्धवट पर उमड़ेगा आस्था का सैलाब

shani amavasya and sarv pitru together in Shraddha Paksha

Ujjain News: 28 सितंबर को त्रिवेणी संगम पर स्नान, तो सर्वपितृ मोक्ष के लिए रामघाट, गयाकोठा और सिद्धवट पर उमड़ेगा आस्था का सैलाब

उज्जैन. श्राद्ध पक्ष में इस बार करीब 20 साल बाद दुर्लभ संयोग बन रहा है। २८ सितंबर को सर्वपितृ और शनिश्चरी अमावस्या एकसाथ आ रही है। इस कारण धार्मिक शहर में आस्थावानों का सैलाब उमड़ेगा। जहां गयाकोठा, रामघाट और सिद्धवट पर श्रद्धालु अपने पूर्वजों के निमित्त पिंडदान व तर्पण करेंगे, वहीं त्रिवेणी संगम तीर्थ घाट स्थित शनि मंदिर में शनिश्चरी अमावस्या का मेला लगेगा, जिसमें हजारों श्रद्धालु पतित पावनी मां शिप्रा में स्नान दान कर पुण्य लाभ कमाएंगे।

वर्षों बाद बन रहे संयोग के चलते पुलिस व प्रशासन को पर्व पर उमडऩे वाली भीड़ को नियंत्रण करने में दोगुनी ताकत झौंकनी पड़ेगी। एक ही दिन में दो पर्व एकसाथ आने से पुलिस बल और प्रशासनिक अधिकारियों की ड्यूटी मुस्तैदी के साथ लगाना होगी। कलेक्टर शशांक मिश्र ने बताया कि दोनों पर्व एकसाथ होने से पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को इस कार्य में लगाना होगा। एसपी सचिन अतुलकर ने बताया कि पर्व वाले दिन एक्स्ट्रा बल बुलाकर व्यवस्था बनाएंगे। त्रिवेणी संगम, रामघाट और सिद्धवट पर नदी का जलस्तर बढ़ा होने के कारण तैराक दल तैनात रहेगा, वहीं फव्वारों से ही स्नान की व्यवस्था की जाएगी। सुरक्षा की दृष्टि से नदी में किसी को नहीं उतरने दिया जाएगा।

श्राद्ध पक्ष में बहुत खास संयोग
ज्योतिषाचार्य पं. अमर डिब्बावाला के अनुसार 20 साल बाद सर्वपितृ व शनिश्चरी अमावस्या का संयोग २८ सितंबर को बन रहा है। पंचांगीय गणना के अनुसार दिवस, तिथि व नक्षत्र तथा ग्रहों के गोचर के आधार पर यह दिन बड़ा ही पुण्यफल देने वाला रहेगा। शतभिषा नक्षत्र, घृति योग व कुंभ राशि के चंद्रमा की साक्षी में आने के कारण इस बार के श्राद्ध पक्ष बहुत खास माने जा रहे हैं। शतभिषा नक्षत्र सौ प्रकार के कष्टों से मुक्ति दिलाने वाला माना गया है। यही वजह है कि पितृ जल से तृप्त, पिंडों से संतुष्ट होकर सुख-शांति व समृद्धि के साथ वंश परंपरा को आगे बढ़ाने का आशीर्वाद प्रदान करते हैं।

दो दिन होगा द्वितीया का श्राद्ध

श्राद्ध पक्ष में तिथि की घट-बढ़ के कारण 15 व 16 सितंबर को द्वितीया तिथि का श्राद्ध किया जाएगा। जिन परिवारों में द्वितीया तिथि वाले दिन पूर्वजों की मृत्यु हुई है, उनके निमित्त श्राद्ध व तर्पण होगा। पं. राजेश त्रिवेदी ने बताया कि काम्यां श्राद्ध जिसमें मन की कामनाओं की पूर्ति के लिए श्राद्ध किया जाता है, द्वितीया तिथि पुत्री की प्राप्ति के लिए उत्तरा भाद्र पद नक्षत्र अच्छा वर प्राप्ति के लिए और रविवार आरोग्यता के लिए है। 15 सितंबर को दोपहर 12.25 तक प्रतिपदा रहेगी, इसके बाद द्वितीया तिथि लगेगी। 16 सितंबर को दोपहर 2.35 बजे तक द्वितीया के बाद तृतीया लग जाएगी।

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