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शिप्रा फिर मैली: पानी हिलाते ही हो जाता है काला

locationउज्जैनPublished: Mar 27, 2019 01:23:41 am

Submitted by:

Mukesh Malavat

घाट पर इतनी कंजी कि चलना भी हुआ मुश्किल

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उज्जैन. प्रमुख स्नान पर्वों के बाद एक बार फिर शिप्रा को बिसरा दिया गया है। नदी में गंदा पानी जमा है और घाटों पर पर कंजी इस कदर जमी है कि स्नान के लिए आने वालों का इन पर चलना भी मुश्किल है। घाटों पर फिसलन के कारण रोज कई श्रद्धालु व स्नान करने वाले घाटों पर गिरकर चोटिल हो रहे हैं। गर्मी में नदी में स्नान करने वालों की संख्या बढ़ेगी और ऐसे में कई लोग डूबने का शिकार हो सकते हैं। विभिन्न योजनाओं पर करोड़ों रुपए खर्च होने के बावजूद शिप्रा को स्वच्छ और अविरल बनाने के प्रयासों की दरकार अब भी बकरार है। प्रमुख पर्व स्नान के बेहतर आयोजन के लिए प्रशासन के लिए नर्मदा के सहारे शिप्रा में साफ पानी उपलब्ध करवाया था, लेकिन अब एक बार फिर शिप्रा की स्थिति मैली है। पानी की ऊपरी सतह पर मटमैलापन है, वहीं इसे थोड़ा हिलाने पर पानी काला पड़ जाता है। नदी के अंदर बड़ी मात्रा में गंदगी व गाद जमी हुई है। ऐसी ही स्थिति घाटों की भी है। घाट के फर्शियों पर कंजी की मोटी परत जम चुकी है। इसके कारण घाट पर फिसलन इतनी बढ़ गई है कि चलने में थोड़ी भी चूक बरतने पर श्रद्धालु या स्नान के लिए आने वाले गिर रहे हैं। शिप्रा के प्रमुख रामघाट पर ही कई दिनों से यह स्थिति बनी हुई है इसके बावजूद नगर निगम या प्रशासन द्वारा सफाई के इंतजाम नहीं किए गए हैं।
गर्मी में बढ़ते हैं हादसे
गर्मी के दिनों में बड़ी संख्या में लोग स्नान करने के लिए शिप्रा में आते हैं। इस दौरान डूबने के दर्जनों हादसे भी होते हैं। घाट पर फिसलन व नदी में गंदगी के कारण इन हादसों के बढऩे की आशंका है। रामघाट, दत्त अखाड़ा घाट पर रस्सी की रेलिंग के साथ सकेंतक लगे हैं लेकिन अन्य घाटों पर तो सुरक्षा के यह इंतजाम भी नहीं है। ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था की कमी के साथ पानी में गंदगी और घाटों पर फिसलन के कारण हादसे होने की अधिक आशंका है।
अधिकारियों ने दिए थे घाट सफाई के निर्देश
शनिश्चरी अमावस्या पर त्रिवेणी घाट पर पानी उपलब्ध नहीं होने के कारण सरकार ने कमिश्नर-कलेक्टर के स्थानांतरण कर दिए थे। इसके बाद नए अधिकारियों ने पर्व स्नानों को लेकर विशेष सतर्कता बरती वहीं मुख्य सचिव-प्रमुख तक के घाटों पर पहुंच स्नान व सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया था। घाटों पर फिसलन न हो, इसके लिए आला अधिकारियों ने इनकी घिसाई करने तक के निर्देश दिए थे। पर्व स्नान होने के बाद शिप्रा में सुरक्षा, स्नान व सफाई व्यवस्था को नजरअंदाज कर दिया गया है।
न्यास बना, योजना का इंतजार
नदियों के सरंक्षण के लिए प्रदेश सरकार ने नर्मदा, शिप्रा, मंदाकनी नदी न्यास का गठन किया है। न्यास का अध्यक्ष कम्प्यूटर बाबा को बनाया गया है।
अध्यक्ष बनने के बाद हाल में कम्प्यूटर बाबा ने उज्जैन पहुंच रामघाट पर शिप्रा का पूजन किया था। इस दौरान उन्होंने शिप्रा की स्थिति पर चिंता भी जताई थी। नदियों के सरंक्षण के लिए सरकार ने न्यास तो गठित कर दिया है लेकिन नदियों का संरक्षण कैसे होगा, इसको लेकर फिलहाल न कोई योजना तैयार की गई है और नहीं कोई कवायद शुरू हुई है।

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