5 फरवरी को मंदिर के नैवेद्य कक्ष में भगवान चन्द्रमौलेश्वर के पूजन के साथ कोटितीर्थ कुंड के पास स्थापित कोटेश्वर महादेव एवं महाकालेश्वर भगवान के पूजन के साथ 9 दिवसीय शिवनवरात्रि के पूजन का संकल्प लिया जाएगा। शासकीय पुजारी पं.घनश्याम शर्मा के आचार्यत्व में रोज 11 ब्राह्मणों द्वारा भगवान महाकालेश्वर का अभिषेक रूद्र पाठ से किया जाएगा। सायं पूजन के बाद बाबा महाकाल को नवीन वस्त्र धारण कराएंगे।
विभिन्न स्वरूपों में दर्शन
शि? नवरात्रि ?? में प्रतिदिन सायंकालीन पूजन के बाद भगवान महाकाल विभिन्न स्वरूपों में भक्तों को दर्शन देंगे। 5 फरवरी को चंदन का शृंगार, 6 को शेषनाग शृंगार, 7 को घटाटोप शृंगार, 8 को छबीना शृंगार, 9 को होलकर शृंगार, 10 को मनमहेश, 11 को उमा महेश,12 को शिव तांड़व शृंगार, 13 फरवरी को महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाएगा। महाशिवरात्रि की रात महापूजा होगी। 14 फरवरी को प्रात: 4 बजे भगवान को सप्तधान का मुघौटा धारण कराया जाएगा। बाबा महाकाल सवामन फूलों का पुष्प मुकुट धारण कराया जाएगा। इसके बाद दोपहर १२ बजे भस्म आरती होगी।
शिवनवरात्रि के दौरान हरिकीर्तन
शिवनवरात्रि के दौरान 5 फरवरी से 14 फरवरी तक मंदिर प्रांगण में नवग्रह मंदिर के पास संगमरमर के चबूतरे पर 1909 से कानडकर परिवार इंदौर द्वारा वर्षों से परंपरानुसार हरिकीर्तन की सेवा दी जा रही है। इसी क्रम में हरिभक्त परायण पं. रमेश कानडकर द्वारा हरिकीर्तन का आयोजन होगा।
महाशिवरात्रि पर महाकाल मंदिर में दर्शन का प्रारंभिक प्लान तैयार हो गया है। यह लगभग गत वर्ष अनुसार है। इस अनुसार महाशिवरात्रि पर सभी श्रद्धालुओं के दर्शन की व्यवस्था नंदी हॉल के पीछे आठ रैलिंग से रहेगी। मंदिर परिसर में चार द्वार से प्रवेश दिया जाएगा।
महाकालेश्वर मन्दिर में पर्व की व्यवस्थाएं की जा रही हैं। दर्शनार्थियों को कम समय में महाकाल बाबा के दर्शन हो, इसके लिए व्यापक प्रबंध किए जाएंगे। १३ फरवरी को दर्शन का प्लान गत वर्ष की तरह ही है। महाकाल दर्शन के लिए नन्दी हॉल के पीछे लगी आठ रेलिंग तक जाने के लिए आम और खास दर्शनार्थी को जल द्वार के पास से प्रवेश मिलगा।
परिसर में प्रवेश के चार द्वार
महाशिवरात्रि पर्व पर भगवान महाकाल के दर्शन के लिए चार प्रवेश द्वार रहेंगे।
सामान्य दर्शनार्थी का प्रवेश माधव न्यास (कार पार्किंग के जिगजेग) से स्थायी जिगजेग होते हुए फैसिलिटी सेंटर से होगा।
वीआईपी, पासधारक और २५१ रुपए की रसीद लेने वाले दर्शनार्थियों के लिए व्यवस्था शंख चौराहा होते हुए फैसिलिटी सेंटर से प्रवेश रहेगा।
वीवीआईपी दर्शनार्थियों की प्रवेश व्यवस्था महाकाल प्रवचन हाल से रहेगी।
दिव्यांग के प्रवेश की व्यवस्था भस्म आरती गेट से रहेगी।