scriptशिवसैनिक दे रहे थे धरना, तभी खुल गई अव्यवसथा की पोल | Shivsainik was giving a sit-in, then the problem highlighted | Patrika News

शिवसैनिक दे रहे थे धरना, तभी खुल गई अव्यवसथा की पोल

locationउज्जैनPublished: Oct 11, 2019 11:37:41 pm

Submitted by:

rishi jaiswal

ज्ञापन लेने पहुंचे डिप्टी कलेक्टर के सामने ही आ गए दो मामले, कार्यकर्ताओं का आक्रोश और बढ़ा

शिवसैनिक दे रहे थे धरना, तभी खुल गई अव्यवसथा की पोल

ज्ञापन लेने पहुंचे डिप्टी कलेक्टर के सामने ही आ गए दो मामले, कार्यकर्ताओं का आक्रोश और बढ़ा

उज्जैन. चरक अस्पताल में प्रसूता की मौत और आए दिन महिलाओं को इंदौर रेफर करने के विरोध में शुक्रवार को शिव सेना ने धरना दिया। शिवसैनिक जब प्रदर्शन कर रहे थे, उसी दौरान अस्पताल से दो गर्भवतियों को इंदौर रेफर कर छुट्टी दे दी। ज्ञापन लेने पहुंचे डिप्टी कलेक्टर के सामने ही रेफर के यह मामले सामने आए, इससे शिवसैनिकों का आक्रोश और बढ़ गया। करीब आधा घंटे तक कार्यकर्ता और चिकित्सकों के बीच तीखी बहस हुई। बाद में एक महिला को भर्ती कर लिया गया।
शाजापुर जिले के ग्राम करजू निपानिया निवासी प्रसूता लक्ष्मी पति शांतिलाल की गुरुवार को चरक अस्पताल में ऑपरेशन के डेढ़ घंटे बाद ही मौत हो गई थी। आक्रोशित परिजनों ने चक्काजाम किया था। प्रसूता की मौत व अन्य मामलों को लेकर शुक्रवार को शिवसैनिकों ने अस्पताल द्वार के सामने धरना दिया और जमकर नारेबाजी की। कार्यकर्ता दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे। मौके पर डिप्टी कलेक्टर संजय साहू पहुंचे। वे प्रदर्शनकारियों से चर्चा कर ही रहे थे कि देवास जिले के ग्राम भानोली निवासी पुष्पा डोडिया को लेकर परिजन उनके पास पहुंच गए। परिजन गजराजसिंह पंवार ने बताया, दो दिन पहले पुष्पा को भर्ती किया था। डॉक्टर सोनोग्राफी में प्रसूति के दिन बढ़े हुए बताकर इंदौर जाने का कह रहे हैं। शुक्रवार सुबह अस्पताल से छुट्टी कर पुष्पा का सामान भी बाहर निकाल दिया।
कार्यकर्ता बोले- लिखकर दो कि हम नहींं कर सकते
प्रदर्शन के दौरान ही महिलाओं को रेफर करने के मामले आने पर शिवसैनिक और भड़क गए। कुछ महिला-पुरुष कार्यकर्ता डॉ पलसानिया के कक्ष में भी पहुंचे। चर्चा के दौरान डॉ पलसानिया ने कहा कि जो उपचार हम कर सकते हैं, वह करते हैं जो नहीं कर सकते, उसके लिए मना कर देते हैं। इस पर एक महिला कार्यकर्ता ने कहा, एेसा है तो आप लोग लिखित में बता दें कि क्या कर सकते हैं क्या नहीं। इसको लेकर तीखी बहस भी हुई। बाद में सिविल सर्जन डॉ आरपी परमार पहुंचे और मामला शांत किया। हंगामे के बाद पुष्पा को भर्ती कर लिया गया, वहीं उर्मिला को डिस्चार्ज कर दिया गया।
प्रभारी से चर्चा करने के दौरान एक और महिला पहुंची
अनावश्यक रेफर की शिकायत मिलने पर डिप्टी कलेक्टर संजय साहू पुष्पा व परिजनों को लेकर चरक अस्पताल प्रभारी डॉ. संगीता पलसानिया के पास पहुंचे। प्रकरण की जानकारी लेने के बाद डॉ. पलसानिया ने बताया, सोनोग्राफी होने के बाद मरीज की स्थिति पता चलती है। पुष्पा का समय बढ़ा हुआ था ऑपरेशन से पूर्व पुष्पा ने बिस्किट खा लिए थे। एेसी स्थिति में ऑपेशन संभव नहीं था। इसलिए स्थिति अनुरूप उपचार के लिए कहा था। चर्चा के दौरान ही एक और गर्भवती महावीर नगर निवासी उर्मिला गोस्वामी भी परिजनों के साथ डिप्टी कलेक्टर साहू के पास पहुंच गई। उर्मिला की मां सुशिला ने बताया, उर्मिला को गुरुवार को अस्पताल में भर्ती किया था। आज सुबह सोनोग्राफी के बाद इंदौर जाने का बोल दिया। डॉ पलसानिया ने बताया, उर्मिला के गर्भाशय में पानी सूखने के कारण रेफर किया गया है।
प्रसूता की मृत्यु और अन्य व्यस्थाओं को लेकर कुछ लोगों द्वारा विरोध जताया गया था। महिलाओं को रेफर करने के संबंध में चिकित्सकों से चर्चा की। उन्होंने मरीज की स्थिति बताई है।
संजय साहू, डिप्टी कलेक्टर
एक महिला द्वारा ऑपरेशन पूर्व बिस्किट खा लिए थे, जिसके कारण उस समय ऑपरेशन नहीं हो पाया था। शाम को ऑपरेशन हो गया है। एक अन्य महिला के केस में खतरा होने के कारण रेफर करने की स्थिति बनी थी। डॉक्टर्स को भी निर्देश दिए हैं कि वे मरीज व परिजनों को मरीज की स्वास्थ्य स्थिति समझाएं ताकि किसी प्रकार की गलतफहमी न हो।
डॉ. आरपी परमार, सिविल सर्जन
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो