यह कंपनी उदयपुरवाटी विधायक शुभकरण चौधरी की है। इस रूट पर दादिया, ढिगाल, गोठड़ा व सूरजगढ़ के पास चार टोल हैं। चारों पर टोल बंद होगा।
रीट संख्या 1250/2013 यशवद्र्धन सिंह बनाम आरसीसीएल कंपनी के आदेश में सार्वजनिक निर्माण विभाग को न्यायालय ने एंपावर्ड कमेटी गठित करने का आदेश दिया था। इसके गठन के बाद कमेटी ने माना था कि रोड नंबर तीन पर नाली निर्माण में भारी अनियमितताएं हुई है।
रीट संख्या 1250/2013 यशवद्र्धन सिंह बनाम आरसीसीएल कंपनी के आदेश में सार्वजनिक निर्माण विभाग को न्यायालय ने एंपावर्ड कमेटी गठित करने का आदेश दिया था। इसके गठन के बाद कमेटी ने माना था कि रोड नंबर तीन पर नाली निर्माण में भारी अनियमितताएं हुई है।
इसकी वजह से टोल वसूलने की अवधि 23 दिसंबर 2017 से घटाकर 19 सितम्बर 2016 कर दी जाए। टोल कंपनी ने इस फैसले पर आपत्ति जताई, परंतु सार्वजनिक निर्माण विभाग ने आपत्ति को दरकिनार करते हुए 15 महीने पहले ही टोल बंद करने के आदेश जारी कर दिए हैं।
आरसीसीएल के पास था ठेका
सीकर-झुंझुनूं-लुहारू रोड को टोल रोड का आरसीसीएल इंफ्रास्ट्रक्चर की निविदा सबसे कम 46 करोड़ 17 लाख रहने पर ठेका दे दिया गया। रोड का निर्माण 15 फरवरी 2003 से शुरू कर 15 फरवरी 2005 को खत्म करना था और इसमें निर्माण का समय शामिल था।
120 किमी की दूरी के लिए छह टोल बूथ लगाना तय किया गया। हर 20 किलोमीटर पर एक टोल बूथ लगाने का फैसला लिया गया, जबकि नियम के अनुसार 50 किमी से पहले दूसरा टोल बूथ नहीं लगाया जा सकता है।
इनका कहना है
यह जनता की जीत है। टोल कंपनी अगर सुप्रीम कोर्ट जाएगी तो जनता का प्रतिनिधि के तौर पर मैं भी सुप्रीम कोर्ट जाऊंगा।
-यशवर्धनसिंह, सामाजिक कार्यकर्ता
मैं अभी जयपुर आया हुआ हूं। मुझे इस बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं है।
-शुभकरण चौधरी, उदयपुरवाटी विधायक तथा कॉन्ट्रेक्टर आरसीसीएल कंपनी
सोमवार रात 12 बजे बाद टोल बंद हो जाएगा। फिलहाल अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा है और आगामी सुनवाई की तिथि 21 अक्टूबर तय की गई है।
-रामनारायण चौधरी, अधीक्षण अभियंता सानिवि झुंझुनूं
-यशवर्धनसिंह, सामाजिक कार्यकर्ता
मैं अभी जयपुर आया हुआ हूं। मुझे इस बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं है।
-शुभकरण चौधरी, उदयपुरवाटी विधायक तथा कॉन्ट्रेक्टर आरसीसीएल कंपनी
सोमवार रात 12 बजे बाद टोल बंद हो जाएगा। फिलहाल अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा है और आगामी सुनवाई की तिथि 21 अक्टूबर तय की गई है।
-रामनारायण चौधरी, अधीक्षण अभियंता सानिवि झुंझुनूं