महाकाल मंदिर में पांचवीं बार खत्म हुई यह धातु
उज्जैनPublished: May 21, 2019 12:48:07 am
ढाई माह से चांदी के सिक्के नहीं, वर्षभर पांचवीं बार खत्म, समिति की लेतलाली
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उज्जैन. ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में बीते ढाई माह से भक्तों को चांदी के सिक्के नहीं मिल पा रहे हैं। एक साल के दौरान यह पांचवां मौका है, जब मंंदिर के काउंटर पर मंदिर प्रबंध समिति सिक्के उपलब्ध नहीं करा पा रही है। पांच माह पहले समिति को निर्देश दिए गए थे कि सिक्कों के निर्माण का वर्षभर का टेंडर निकाला जाए, लेकिन मंदिर समिति की लेतलाली के कारण इसका पालन ही नहीं हुआ।
महाकाल मंदिर प्रबंध समिति 10 ग्राम चांदी का सिक्का 1100 रुपए में मंदिर परिसर स्थित प्रसाद काउंटरों से विक्रय करती है। चांदी के सिक्के पर एक और ज्योतिर्लिंग भगवान महाकाल व दूसरी ओर मंदिर का शिखर अंकित है। देश-विदेश से महाकाल दर्शन करने आने वाले श्रद्धालु महाकाल की यादगार स्वरूप चांदी के सिक्के खरीदकर ले जाते हैं। मान्यता है इससे वर्षभर सुख-समृद्धि बनी रहती है। बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं में इन सिक्कों की खासी मांग रहती है। महाकाल के अनेक भक्त राजाधिराज के चित्र वाले सिक्कों को बरकत और शुभ मानकर अपने पास रखते हैं। मंदिर प्रबंध समिति कुशल कारीगर को चांदी देकर उचित पारिश्रमिक के आधार पर सिक्के तैयार कराती है। मंदिर में इन दिनों सिक्के उपलब्ध नहीं है। करीब ढाई माह से सिक्के बनकर नहीं आ रहे हैं और मंदिर समिति के पास का स्टाक खत्म हो गया। मंदिर प्रबंध समिति ने न ऑर्डर दिया है और ना ही कारीगर को चांदी दी है। अधिकारियों में समन्वय के अभाव में प्रबंध समिति सिक्के तैयार ही नहीं करवा पा रही है। वहीं आचार संहिता की वजह से कार्य का ठेका भी नए सिरे से जारी नहीं हो पा रहा है। एेसे में बाहर से आने वाले श्रद्धालु चांदी के सिक्के नहीं मिल पाने से निराश है।
सतत उपलब्धता पर ध्यान नहीं
एेसा नहीं है कि चांदी के सिक्के पहली खत्म हुए हैं। एक साल के दौरान ५ मौका है, जब मंदिरों के काउंटरों पर चांदी के सिक्के लम्बे समय तक उपलब्ध नहीं है। जनवरी में भी सिक्के खत्म होने पर मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष और कलेक्टर ने बार-बार सिक्के खत्म होने की समस्या का निराकरण करने के लिए वर्षभर के सिक्के एक साथ बनाने के लिए टेंडर निकालने के आदेश दिए थे, लेकिन मंदिर प्रबंध समिति ने इस पर ध्यान ही नहीं दिया। नतीजतन एक बार फिर मंदिर में सिक्के नहीं है। सिक्कों के संबंध में मंदिर के सहायक प्रशासनिक अधिकारी आरके तिवारी ने बताया कि मंदिर समिति इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों का मार्गदर्शन लेकर जल्द ही उचित निर्णय लेगी।