उज्जैनPublished: Aug 11, 2019 12:41:03 am
Mukesh Malavat
ग्रामीणों ने सुनाई पीड़ा, कोई राजनीतिक पार्टी नहीं कर पाई हमारे गांव का विकास
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आगर-मालवा. साहब हमारे गांव का विकास न तो कोई राजनीतिक पार्टी के जिम्मेदार कर पाए और न ही कोई अधिकारी कर पाए बिना सडक़ और अन्य मूलभूत सुविधाओं के बगैर ही हमारा जीवन अपने अंतिम पढ़ाव पर पहुंच गया है क्या पता कि अब हम अपने गांव में पक्की सडक़ और अपने पक्के घर देख पाएंगे कि नही या फिर इन सब अधूरी समस्याओं के साथ ही हमारा जीवन समाप्त हो जाएगा। कुछ इसी प्रकार की बात ग्राम कांकर के ग्रामीणों ने अपनी पीड़ा बताते हुए कही। ग्राम कांकर में अधिकांश मकान कच्चे हैं और यहां प्रधानमंत्री आवास योजना का भी ग्रामीणों को समुचित लाभ नही मिल पा रहा है। तेज बारिश की वजह से गांव में तीन मकान तो धराशायी हो गई और तीन मकानो की दीवारें गिर गई। इन दिनों ग्रामीण अपने हालातों पर आंसू बहा रहे हैं जिनकी ओर देखने वाला कोई नही है। करीब 500 से अधिक की आबादी वाले इस गांव के बाशिंदों को आज भी विकास कार्यो का इंतजार है।
जिला मुख्यालय से महज 7 किमी की दूर स्थित ग्राम कांकर में जाने के लिए राजमार्ग से दो अलग-अलग रास्ते है लेकिन दोनों ही रास्ते पथरिले हैं और कच्चा मार्ग है। अलग-अलग पार्टियों की सरकार भी आज तक इस गांव को पक्की सडक़ से नही जोड़ पाई है। इस गांव के बच्चे रूहांसे चेहरे से कहते हैं कि हमे कच्ची सडक़ पर साईकल चलाकर दूसरे गांव में पढऩे के लिए जाना होता है। ऐसे में इस कच्ची सडक़ पर चलना हमारे लिए काफी परेशानी भरा रहता है। बारिश में तो स्थिति अधिक विकट हो जाती। माध्यमिक स्कूल में जाने वाले बच्चो को एक नाला पार कर ग्राम पालखेड़ी जाना पड़ता है। नाले पर पुलिया नही होने के कारण बारिश के दिनों में बच्चे स्कूल नही जा पाते है। ग्राम पंचायत पालखेड़ी के अधीन इस गांव में समस्याएं तो अनगिनत हैं लेकिन सबसे बड़ी समस्या यहां आवास योजना की दिखाई देती है।
ग्रामीणों का कहना है कि पूरे गांव में महज 10-12 लोगो को ही प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिल पाया है जबकि गांव में करीब 90 कच्चे मकान हैं और ग्रामीणों की माली हैसियत भी ठीक नही है। बारिश में रोड़ा पिता शिवजी, रतनसिंह, गंगाराम सेवाजी के मकान तो धाराशायी हो गए वही भैरूसिंह, बदोबा, दिनेश रामा के मकान क्षतिग्रस्त हो गए। जब इस संबंध में सरपंच शांतिबाई पालीवाल से सम्पर्क करने की कोशिश की गई तो सम्पर्क नही हो पाया। सहायक सचिव ललताशंकर दीक्षित से भी सम्पर्कनही हो पाया। पंचायत सचिव शीखा सूर्यवंशी से सम्पर्क हुआ तो उन्होने बताया कि वे जनपद पंचायत अटैच है और पंचायत का काम सहायक सचिव ही देखते हैं।
गांव में अंदर तो सीमेंट कांक्रीट हो रहा है लेकिन गांव से बाहर जाने के लिए कोई पक्की सडक़ नही है बारिश के दिनो में हमारे बच्चे पालखेड़ी स्कूल तक भी नही जा पाते है। चंदरसिंह, ग्रामीण’’
गांव में प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ अभी तक गिनती के लोगो को ही मिला है अधिकांश मकान कच्चे हैं जो बारिश में गिरते जा रहे हैं। बद्रीलाल, ग्रामीण
हमारा गांव आगर के सबसे करीब है लेकिन सुविधाएं नही हैं गांव के हालात आप खुद हीी देख लो हर दूसरा मकान कच्चा है यहां शासन की योजनाओं का क्रियान्वयन नही हो पा रहा है। अनारजी, ग्रामीण’’
हमारे गांव में सभी मकान कच्चे हैं, आवास योजना का लाभ ग्रामीणों को नही मिल रहा है दोनों तरफ रास्ते भी कच्चे हैं बारिश में पालखेड़ी वाला रास्ता बंद हो जाता है जिससे बच्चे स्कूल नही जा पाते है। जुवानसिंह, ग्रामीण’’