scriptelection 2018 : चुनाव जीतते ही नेता वादा भूल जाते हैं, रोजगार को तरसे, मूलभूत सुविधाएं भी नदारद | Status of booth in Nagda and Shajapur assembly constituencies | Patrika News

election 2018 : चुनाव जीतते ही नेता वादा भूल जाते हैं, रोजगार को तरसे, मूलभूत सुविधाएं भी नदारद

locationउज्जैनPublished: Sep 14, 2018 08:25:24 pm

Submitted by:

Lalit Saxena

नागदा और शाजापुर विधानसभा क्षेत्र में बूथ की स्थिति जानी तो मतदाताओं ने कहा स्थिति पांच साल बाद भी जस की तस

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नागदा। शहर की पहचान ग्रेसिम उघोग सहित आधा दर्जन अन्य केमिकल उद्योगों के होने के कारण एक औद्योगिक शहर की है। लेकिन आज भी इस विधानसभा क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी है। रोजगार के लिए युवा पलायन को मजबूर हैं। हर बार चुनाव में बेरोजगारी एक मुद्दा तो बनती है। दोनों दलों के प्रत्याशी स्थानीय उद्योगों में लोगों का काम दिलाने और रोजगार के अवसर मुहैया कराने का वादा करते हैं। चुनाव जीतते ही नेता वादा भूल जाते हैं।

बेरोजगारी के अलावा ये भी हैं समस्याएं
विधानसभा में बेरोजगारी के अलावा कई क्षेत्रों में लोग सड़क, बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं से वचिंत है। हालांकि पिछले पांच साल में शहर की कुछ तस्वीर बदली तो है, लेकिन उतनी नहीं जितना उम्मीदवारों ने जनता से वादा किए थे।

पत्रिका ने परखी जमीनी हकीकत
पत्रिका ने वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव के दो ऐसे मतदान केंद्रों की जमीनी हकीकत परखी जहां भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों को अधिक वोट मिले थे।

साहब…सड़क जगह-जगह से उखड़ गई है
नागदा नपा के वार्ड कं्र 11 के अंतर्गत आने वाली पांचाल धर्मशाला के मतदान केंद्र 100 से वर्तमान भाजपा विधायक दिलीप शेखावत को सबसे अधिक 537 वोट मिले थे। इस केंद्र पर वर्ष 2013 में वार्ड 18 स्थित दयानंद कॉलोनी और पाड्ल्या गांव के कुछ हिस्सा था। यहां मतदाताओं ने भाजपा को सबसे ज्यादा वोट इसलिए दिए थे कि सड़क, पानी, बिजली सफाई की समस्या दूर हो। वार्ड के लोग बताते हैं कि विगत पांच सालों में बिजली पानी और सफाई की व्यवस्था तो बेहतर हुई है लेकिन सड़क के हाल बुरे हैं। यहां विधानसभा चुनाव के पूर्व नपा ने सड़क बनाई थी, उसके बाद पलटकर नहीं देखा। कॉलोनी की कई गलियों में सड़क उखड़ गई है तो उसमें गड्डे हो गए हैं। नालियों की सफाई नहीं होने से जलभराव की समस्या आम है।

बदबू और गदंगी के बीच रहने को मजबूर
वार्ड ६ के तहत बालाराम की कुटिया क्षेत्र आता है। यहां ज्यादातर आबादी मुस्लिम और अनुसूचित जाति की है। वर्ष 2013 के चुनाव में नवीन प्राथमिक विद्यालय भवन पोलिंग बूथ क्रमांक 69 पर कांग्रेस प्रत्याशी दिलीप गुर्जर को सर्वाधिक 406 वोट मिले थे। चुनाव बाद से इस क्षेत्र के हालात में कोई खास बदलाव नहीं हुआ। यहां रहवासी सबसे ज्यादा गंदगी से परेशान हैं। रहवासियों के अनुसार यहां से बहने वाले खाल में मांस का व्यापार करने वाले लोग जानवरों को मारकर उनके अवशेष फेंक देते हैं, जिसके कारण क्षेत्र का पूरा वातावरण दूषित हो रहा है। हालांकि कांग्रेस को इस बार भी इस क्षेत्र से वोट मिलने की उम्मीद है। वहीं भाजपा ने भी अपनी पकड़ मजबूत बनाने का प्रयास शुरू किए हैं। परेशानियों के चलते मतदाता मौन हैं।

यह बोले मतदाता

दयानंद कॉलोनी निवासी शिवलाल मंडवार कहते हैं वार्ड में सब कुछ तो ठीक है लेकिन कॉलोनी में कई स्थानों पर सड़क उखड़ चुकी है वहीं नालियों की सफाई नहीं होने के कारण बारीश के दिनों में नालियों का गंदा पानी सड़कों पर आ जाता है।

टैलरिंग का काम करने वाले भेरूलाल चावड़ा का कहना है कि उनके वार्ड में सड़क और गंदगी की समस्या तो है ही साथ ही कालोनी मे खाली पड़े प्लाट भी कचरे से पटे पड़े हैं। कई बार शिकायत करने के बाद भी जिम्मेदार सफाई व्यवस्था पर ध्यान नहीं देते हैं।

बालाराम कुटिया निवासी प्रकाश गोमे का कहना है कि जब भी कोई चुनाव आता है भाजपा और कांग्रेस के नेता वोट लेने के लिए बड़े बड़े वादे कर जाते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद पलट कर कोई नहीं आता। वर्षो से क्षेत्र में गंदगी और बारिश के दिनों में जलभराव की समस्या बनी हुई है, लेकिन आज तक किसी ने सुध नहीं ली।
जिस बूथ पर भाजपा को मिले थे सर्वाधिक वोट, पांच साल बाद वही मुद्दे और मांग फिर सामने
शाजापुर में मतदान के समय चुनाव में उतरे प्रत्याशियों द्वारा जनता से बड़े-बड़े वादे किए गए थे, लेकिन अभी तक उनकी समस्याएं जस की तस बनी हुई है। कालापीपल विधानसभा के सबसे बड़े ग्राम बेहरावल जिसे मुख्यत: कांग्रेस का गढ़ कहा जाता है। यहां पर करीब 4000 मतदाता है। 2013 विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा प्रत्याशी एवं वर्तमान विधायक इंदरसिंह परमार को बूथ क्रमांक-34 पर 513 में से 263 वोट मिले थे। गांव के पं. योगेंद्र दुबे ने बताया कि गांव में प्राथमिक स्वास्थ केंद्र, नल जल योजना की मांग की गई थी जो कि इस बार भी बनी हुई है। संजय पाटीदार का कहना है कि बेहरावल से रामड़ी व निपानिया गांव को जोडऩे वाली सड़क की मांग कई वर्षो से की जा रही है, लेकिन अभी तक निर्माण नहीं हुआ है। इस बार भी लगता है घोषनाओं से काम चलाना पड़ेगा।

कालापीपल.
बूथ क्रमांक-34
कुल पड़े वोट-513
भाजपा को मिले-263

कांग्रेस की बात की जाए तो बूथ क्रमांक-31 पर 921 में से 597 वोट कांग्रेस प्रत्याशी केदारसिंह मंडलोई एवं 294 भाजपा प्रत्याशी इंदरसिंह परमार को मिले थे। कालापीपल विधानसभा क्षेत्र के ग्राम खरदोनकलां में पिछले चुनाव के दौरान गांव में रोड, श्मशान व पानी की मुख्य समस्याएं थीं। ग्राम के पुरुषोत्तम दास ने बताया अभी-भी पानी की समस्या जस की तस है। वहीं श्मशान का भी आने जाने के मार्ग के लिए जो समस्याएं थी उनसे भी अब तक छुटकारा नहीं मिल पाया। इनके अलावा गांव से कालापीपल आने जाने के लिए रोड नहीं था। वधानसभा के ग्राम कोठडी में हॉस्पिटल रोड एवं स्कूल में शिक्षकों की कमी समस्या थी कोठड़ी से जनपद सदस्य कमलसिंह मेवाड़ा ने बताया जो समस्या चुनाव के समय थी वह अभी भी बनी हुई है।

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