scriptप्राधिकरण का अजीब निर्णय: सस्ते मकान मिलने की उम्मीद धराशायी | Strange Judgment of uda: Hope to find cheap houses dashed | Patrika News

प्राधिकरण का अजीब निर्णय: सस्ते मकान मिलने की उम्मीद धराशायी

locationउज्जैनPublished: Jul 09, 2019 01:15:29 am

Submitted by:

anil mukati

गाइड लाइन कम होने के बाद भी यूडीए महंगे दामों पर ही बेचेगा मकान और भूखंड

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उज्जैन. प्रदेश सरकार द्वारा संपत्तियों की गाइड लाइन में २० फीसदी की कमी का फायदा उज्जैन विकास प्राधिकरण से भवन-भूखंड खरीदने वाले हितग्राहियों को नहीं मिल सकेगा। दरअसल प्राधिकरण ने जून में ही विभिन्न आवासीय योजना के १०३ मकानों को बेचने की विज्ञप्ति जारी कर दी है, जबकि गाइड लाइन की दरें जुलाई में कम हुई। ऐसे में प्राधिकरण अब मकानों के मूल्य में कमी नहीं कर सकता। लिहाजा अब प्राधिकरण से मकानों खरीदने के इच्छुक हितग्राही असमंजस में हैं कि महंगे मकान खरीदें या नहीं।
प्राधिकरण की पिछली बोर्ड बैठक में विभिन्न योजनाओं में खाली पड़े १०३ भूखंडों की दोबारा से विज्ञप्ति निकालकर बेचने का निर्णय लिया था। इस पर प्राधिकरण ने सभी मकानों को बेचने की अलग-अलग विज्ञप्ति जून में ही प्रकाशित करवाई थी। अधिकांश विज्ञप्ति में आवेदन करने की तारीख जुलाई की है। वहीं सरकार द्वारा १ जुलाई से गाइड लाइन में २० फीसदी की कमी कर दी है। इससे संपत्तियों के मूल्य में कमी हो गई है। इडब्ल्यूएस मकान की कीमत में ही १.१४ लाख रुपए तो एलआइजी मकान में १.५० लाख रुपए तक की कम होगी। वहीं प्राधिकरण द्वारा गाइड लाइन कम होने से पहले ही विज्ञप्ति जारी होने का हवाला देते हुए मकानों की कीमतों में कमी करने से इनकार कर दिया है। दरअसल प्राधिकरण की ओर से बेचे जाने वाले मकान में भूखंड व भवन की कीमत अलग-अलग होती है। भूखंड की कीमत गाइड लाइन के अनुसार २० फीसदी कम होती है, इससे पूरे मकान की कीमत पर असर पड़ता। जारी विज्ञप्ति में राशि कम नहीं होने से इसका फायदा लोगों को नहीं मिलेगा।लिहाजा अब इन विज्ञप्तियों के आधार पर लोग अगर मकान खरीदते हैं तो उन्हें ज्यादा राशि देना पड़ेगी।
अधिकारियों की जल्दबाजी से दोहरा नुकसान
प्राधिकरण द्वारा १०३ मकानों की विज्ञप्ति जारी करने में जल्दबाजी की गई है। शासन की ओर से जून में ही घोषणा कर दी गई थी कि १ जुलाई से गाइड लाइन में २० फीसदी की कमी हागी। बावजूद इसके अधिकारियों ने लाखों रुपए खर्च कर विज्ञप्ति के विज्ञापन जारी करवा दिए। यदि समय रहते विज्ञप्ति का प्रकाशन रोककर दोबारा से कीमतों का निर्धारण करते तो लोगों को फायदा मिलता वहीं विज्ञापन पर खर्च की गई राशि भी वसूल होती। अब की स्थिति में महंगे मकान हितग्राही नहीं खरीदते हैं तो विज्ञापन के रूप में प्राधिकरण को ही नुकसान होगा।
प्राधिकरण के मकानों की यह है कीमत
इडब्ल्यूएस मकान- ९.६० से ९.९० लाख तक
एलआजी मकान- १९ से ३५ लाख रुपए तक
एमआइजी मकान-५२ से ६५ लाख रुपए तक
इतना पड़ेगा असर
१. त्रिवेणी विहार योजना- यहां ४०.५० वर्गमीटर के भूखंड पर इडब्ल्यूएस मकान की कीमत ९.६० लाख रुपए है। इसमें भूखंड की कीमत ५.६७ लाख व मकान की कीमत ३.९३ लाख रुपए है। यहां गाइड लाइन १४००० वर्ग मीटर की दर २० फीसदी कम होने के बाद ११२०० रुपए वर्ग मीटर है। इस मान से भूखंड की कीमत ४ .५३ लाख रुपए होती है। जबकि यूडीए की विज्ञप्ति में भूखंड की कीमत ही ५.६७ लाख रुपए है।
२ शिप्रा विहार योजना- यहां ५४ वर्ग मीटर में एलआइजी मकान की कीमत १९ लाख रुपए है। इसमें भूखंड की कीमत ७.५६ लाख तो मकान की कीमत ११.४४ लाख है। यहां भी २० फीसदी कम होने के बाद ११२०० वर्ग मीटर है। इस मान से भूखंड की कीमत ६.०४ लाख रुपए होती है, जबकि यूडीए की कीमत ७.५६ लाख रुपए है।
३. एलपी भार्गव नगर- यहां १३५ वर्ग मीटर में एमआइजी मकान की कीमत ६५.३२ लाख रुपए है। इसमें भूखंड की कीमत ३६.४५ तथा भवन की कीमत २८.८७ लाख रुपए है। यहां गाइड लाइन २७००० वर्ग मीटर में से २० फीसदी कम करने पर २१६०० वर्ग मीटर होती है। इस मान से भूखंड की कीमत २९.१६ लाख रुपए होती है। यानी ७.२९ लाख रुपए भूखंड की कीमत कम होगी।
इनका कहना
गाइड लाइन की दरें जुलाई में कम हुई है और हमने जून में ही विज्ञप्ति जारी की है। जून में जो गाइड लाइन की दरें थी उसी मान से मकान-भूखंड दिए जाएंगे। नई संपत्ति हम बेचेंगे तो उसमें नई गाइड लाइन की दरें रखेंगे।
– सुजानसिंह रावत, सीइओ, यूडीए
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