कोरोना की तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी संतोष टैगोर और एएसपी अमेरेंद्रसिंह ने मंगलवार को पुलिस कंट्रोल रूम के सभाकक्ष में शहर के विभिन्न कोचिंग संस्थान संचालकों के साथ बैठक की। एडीएम ने सभी संचालकों को निर्देश दिए कि 15 से 18 आयुवर्ग के बच्चे जिन्होंने अब तक कोविड का टीका नहीं लगवाया है, उन्हें कोचिंग में प्रवेश न दें।
जो बच्चे ऑनलाइन कोचिंग ले रहे हैं, उनसे भी अपील की जाए कि वे कोविड का टीका लगवाएं और कोविड एप्रोप्रिएट व्यवहार का पालन सभी से करवाया जाए। टीकाकरण में 15 से 18 वर्ष आयु वर्ग के अधिक से अधिक बच्चों को कवर किया जाए। बच्चों के माता-पिता से कोचिंग संचालक संपर्क करें और अपील करें कि वे बच्चों को टीका लगवाएं। एएसपी अमेरेंद्रसिंह ने संचालकों से कहा कि कोचिंग में पढ़ने आने वाले बच्चों के अलावा आसपास के गरीब वर्ग के बच्चे जो 15 से 18 वर्ष आयुवर्ग के हैं, उन्हें भी कोविड टीके का पहला डोज लगवाने के लिए प्रेरित करें।
टीका नहीं तो प्रवेश नहीं
कलेक्टर आशीष सिंह ने जिले के के सभी एसडीएम, नगरीय निकायों के मुख्य अधिकारियों व जिला शिक्षा भर कं अधिकारी को निर्देशित किया है कि वे 15 से 18 वर्ष के किशोरों को कोविड का पहला टीका लगाने पर फोकस करें। कलेक्टर ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जिन किशोरों ने कोविड रोधक टीके का पहला डोज नहीं लगवाया है, उन्हें स्कूल में आने की अनुमति नहीं दी जाएगी। साथ ही कलेक्टर ने उज्जैन शहर व जिले के अन्य स्थानों पर संचालित कोचिंग संस्थानों के लिए भी दिशा निर्देश जारी करते हुए कहा है कि बिना टीका लगवाए 15 से 18 वर्ष के बालक-बालिकाओं को कोचिंग संस्थान के संचालक कोचिंग कक्षाओं में प्रवेश नहीं देंगे।