कवेलू कारखाने की जमीन पर सु-राज कॉलोनी, २२० ईडब्ल्यूएस घर बनेंगे
उज्जैनPublished: May 18, 2023 02:07:59 am
पत्रिका एक्सक्लूसिव: अतिक्रमण मुक्त भूमि में से १.५२ हैक्टेयर पर बनेगी कॉलोनी


पत्रिका एक्सक्लूसिव: अतिक्रमण मुक्त भूमि में से १.५२ हैक्टेयर पर बनेगी कॉलोनी
उज्जैन. शहर में माफियाओं से मुक्त करवाई भूमि पर गरीबों के लिए मकान बनने का रास्ता साफ हो गया है। शासन ने नीलगंगा स्थित कवेलू कारखाने की ७.१९ में से १.५२ हैक्टेयर भूमि पर सु-राज कॉलोनी को निगम को बनाने की स्वीकृति दे दी है। यहां इडब्ल्यूएस श्रेणी के करीब २२० मकान ३५.८२ करोड़ की लागत से बनाए जाएगा। शासन से स्वीकृति मिलने के बाद संभवत: प्रदेश की पहली कॉलोनी होगी जो अतिक्रमण से मुक्त जमीन पर विकसित होगी।
तकायमी भूमि पर कर लिए था कब्जा
कवेलू कारखाने की भूमि नीलगंगा से हरिफाटक व शिप्रा नदी क्षेत्र तक थी। जमीन को पूर्व में कवेलू कारखाने संचालित करने के लिए लीज पर थी। जमीन 75 प्रतिशत हिस्से पर कब्जे हो गए थे। यहां लोगों ने अवैध रूप से प्लॉट काटकर भी बेच दिए थे। दो साल शासन ने १५० के करीब मकान हटाकर जमीन का मुक्त करवाई थी।
भूमि बेचने की तैयारी
७.१९ हैक्टेयर भूमि में से ३.२७ हैक्टेयर भूमि को निजी हाथोंं में बेचने की तैयारी है। वर्तमान में भूमि की कीमत ३६०४.२४ लाख रुपए आंकी गई है। अधिकारी बता रहे हैं कि यह जमीन निजी हाथों में या फिर पीपीपी मोड पर दी जा सकती है। इसे मिलने वाली राशि से सु-राज कॉलोनी के लिए रुपए की व्यवस्था हो सकती है।
८.५० लाख रुपए होगी कीमत
सु-राज कॉलोनी में दो मंजिला मकान रहेंगे। ३५ वर्गमीटर के बिल्डअप एरिया में ईडब्ल्यूएस मकान बनाए जाएंगे। प्रारंभिक कीमत ८.५० लाख रुपए रखी है। मकान में बैठक, बेडरूम, कीचन व लेट-बॉथ, बालकनी रहेगी। कारखाने की ७.१९ हैक्टेयर भूमि में से ३.२७ हेक्टयर बेचने, १.५२ हैक्टेयर पर सु-राज कॉलोनी, १.१७ हैक्टेयर कब्रिस्तान, ०.७७ हैक्टेयर तालाब व मंदिर तथा ०.४६ हैक्टेयर जमीन सड़क चौड़ीकरण के लिए छोड़ी जाएगी।
इसलिए कॉलोनी महत्वपूर्ण
कॉलोनी शहर के बीचोंबीच रहेगी।
कॉलोनी के २ किमी की परिधि में रेलवे, बस स्टैंड और महाकाल मंदिर है।
कॉलोनी के चारों ओर रास्ते हैं।
कॉलोनी के आसपास नई सीवरेज लाइन डली हुई है।
पेयजल और विद्युत लाइन भी उपलब्ध है।
नगर निगम बनाएगा कॉलोनी
कवेलू कारखाने की १.५२ हैक्टेयर भूमि पर सु-राज कॉलोनी निर्माण का प्रजेंटेशन भोपाल में दिया है। निगम द्वारा इसे बनाया जाएगा। शासन की स्वीकृति मिलते ही गरीबों के लिए करीब २२० इडब्ल्यूएस श्रेणी के मकान बनाए जाएंगे।
- रौशनकुमार ङ्क्षसह, निगमायुक्त