उज्जैनPublished: Sep 19, 2018 08:53:14 pm
Gopal Bajpai
जर्जर मार्ग होने से पुलिस को पहुंचने में लगता है समय
48.89 करोड़ की सड़क में पड़े गड्ढों का फायदा उठाते है कंजर
नागदा। कंजरों के आंतक के साए में रहने वाले ग्राम बैरछा की सड़क बेबसी के आंसु बहा रही है। कारण मार्ग पर हुए गड्ढों का फायदा उठाकर कंजर वारदातों को अंजाम देना है। परेशानी यह है, कि सड़क की जर्जर हालात होने के कारण ग्राम में पुलिस को पहुंचने में भी समय लगता है। पुलिस के पहुंचने के पूर्व ही कंजर भाग खड़े होते है। दरअसल ग्राम बैरछा पहुंच मार्ग जर्जर हो चुका है, मार्ग के निर्माण के लिए लोक निर्माण विभाग द्वारा कवायद तो शुरू की गई, लेकिन मौसम के अनुकूल नहीं होने का बहाना बताकर कार्य बंद कर दिया गया। लिहाजा ग्रामीणों को परिवहन के साथ ही कंजरों के आंतक का सामना करना पड़ता है।दूसरी ओर लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत बारिश के पूर्व सड़क निर्माण कार्य शुरु किया गया। लेकिन बारिश के चलते कार्य को दोबारा रोक दिया गया। लिहाजा उखड़ी पड़ी सड़क ग्रामीणों के परिवहन में खलल डाल रही है। करीब ४८.८९ करोड़ की लागत से बनने वाले सड़क का नवीनीकरण कार्य लोक निर्माण विभाग द्वारा किया जाना है। मार्ग के टेंडर हो जाने के बाद बारिश का हवाला देकर कार्य को रोक दिया गया है।
यह है परेशानी
दरअसल नागदा से बैरछा पहुंच मार्ग की लंबाई करीब १०.०६ किमी है। मार्ग का नवीनीकरण कार्य लोक निर्माण विभाग द्वारा किया जाना है। कार्य शुरु भी किया गया, लेकिन बारिश के चलते निर्माणाधीन सड़क का कार्य बंद कर दिया गया। लोनिवि एसडीओ गौतम अहिरवार का तर्क है, कि बारिश के दौरान मार्ग पर डामरीकरण नहीं किया जा सकता। बारिश के दौरान मार्ग का समतलीकरण कार्य किए जाने से ग्रामीणों को परिवहन में परेशानी आएगी तो दूसरी ओर अन्य गांवों का संपर्क भी निर्माणाधीन मार्गके चलते प्रभावित होगा। ग्रामीणों का तर्क है, कि यदि कार्य बारिश के बाद ही किया जाना था, तो कार्य शुरु ही क्यों किया गया।
बारिश में होगा कार्य तो प्रभावित होगी गुणवत्ता
ग्रामीणों की सुविधा के लिए निर्माणाधीन व जर्जर स्थानों को समतल कर दिया गया है। ग्रामीणों को कुछ दिनों का इंतजार करना होगा। यदि ग्रामीणों की जिद के आगे कार्य को प्रगति पर ला दिया गया तो सड़क की गुणवत्ता पर असर पड़ेगा। वरन कार्य भी तय समय सीमा के अंतर्गत नहीं हो सकेगा। अफसरों का कहना यह भी है, कि मार्ग काफी पुराना हो चुका है। जिसके चलते मार्ग के समतलीकरण में हाइटे्रक मशीनों का प्रयोग किया जाना है। इतना ही नहीं मार्ग पर मौजूद गड्ढों पर रॉ मटेरियल डालकर उसमें पानी से वाटर लेवलिंग किया जाना है, जिससे बारिश के दौरान सड़क के निर्माण में उपयोग की गई गिट्टी बाहर नहीं निकल सके और सड़क अधिक समय तक चल सके। बता दें, कि करोड़ों की लागत से बनने वाले नागदा-बैरछा मार्ग का कार्य सड़क के एक छोर को खोदकर शुरु किया गया था। लेकिन बारिश के चलते निर्माणाधीन कार्य को बंद कर मशीनों को मार्ग से हटा दिया गया। वहीं ग्रामीणों की परेशानी को देखते हुए पूरे मार्ग पर मौजूद गड्ढों का समतलीकरण किया गया। ग्रामीणों का कहना है, कि मार्ग के खस्ता हालत में होने के चलते ग्राम में आपराधिक गतिविधियां बढ़ रही है।यदि मार्ग सुव्यस्थित हालात में रहे, तो ग्राम में किसी वारदात होने के स्थिति में पुलिस व अन्य सहायता समय पर पहुंच सकेगी।
इनका कहना-
मार्ग का कार्य शुरु किया गया था। जिसके लिए मार्ग पर खुदाई की गई थी। बारिश को देखते हुए मशीनरी व अन्य यंत्रों से मार्ग पर कार्य नहीं किया जा सकता। मौसम के अनुकूल होते ही कार्य दोबारा शुरु कर दिया जाएगा।
गौतम अहिरवार
एसडीओ, लोनिवि