व्यवसाय अच्छा नहीं चल रहा था, इसलिए करना थी पूजा-पाठ
पैरवीकर्ता अति. जिला अभियोजक केके शर्मा ने बताया कि पीडि़ता की शहर में उसकी किराने की दुकान है। उसका व्यवसाय अच्छा नहीं चल रहा था। वह 17 मई 2018 को अपने पति के साथ पूजा-पाठ के लिए शनि मंदिर उज्जैन आई थी। शनि मंदिर में फल वाले ठेले के दम्पत्ति से उसकी इस विषय में बातचीत हुई। जिन्होंने नागू सिंह के बारे में बताया और उनको नागूसिंह का मोबाइल नंबर दिया। पीडि़ता ने मोबाइल से उससे बातचीत की, तो नागूसिंह ने उनसे यह कहा कि वह घर पर नहीं है तथा उसने उसे दूसरे दिन आने के लिए कहा।
पति को भेज दिया बाजार
पीडि़ता 18 मई 2018 को उसके पति के साथ दोपहर के लगभग 2 बजे ग्राम डेडिया में नागूलाल के घर आए और पीडि़ता ने अपनी किराने की दुकान में हो रहे नुकसान और घाटे के विषय में आरोपी को बताया। आरोपी ने पीडि़ता को यह बताया कि उसके घर में भूत प्रेत का साया है, जिसे निकालना पड़ेगा। आरोपी ने पीडि़ता के पति को पूजा पाठ का सामान लाने बाजार भेज दिया तथा पूजा-पाठ के नाम पर उसके पति की अनुपस्थिति में आरोपी ने पीडिता से उसके साथ गलत काम करने के लिए कहा।
नशीली वस्तु सुंघाई और कर दिया गलत काम
पीडि़ता द्वारा बार-बार मना करने पर आरोपी ने उसे नींबू, कपूर तथा कोई नशीली वस्तु सुंघाकर उसे बेसुध कर दिया। तब आरोपी नागूसिंह द्वारा पीडि़ता के साथ गलत काम किया गया। नागूलाल ने उसे धमकी भी दी कि यदि उक्त घटना के बारे में किसी को बताया तो वह उसे जान से मार देगा। पीडि़ता का पति बाजार से नागूलाल के घर आया और फिर उसके साथ पीडि़ता अपने घर चली गई। पीडि़ता की रिपोर्ट पर थाना नानाखेड़ा द्वारा आरोपी के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट लिखकर आवश्यक अनुसंधान पश्चात न्यायालय द्वारा आरोपी के विरुद्ध अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था।
आरोपी सहानुभूति का पात्र नहीं
न्यायालय में सुनवाई के दौरान अभियुक्त ने निवेदन किया कि वह 60 वर्षीय वृद्ध है। उसकी सजा पर सहानुभूति पूर्वक विचार किए जाने का निवेदन किया। अभियोजन अधिकारी द्वारा आरोपी को अधिकतम दंड से दंडित किए जाने का निवेदन किया गया। अपराध की प्रवृत्ति और प्रकरण की परस्थितियों को देखते हुए एक महिला को विश्वास में लेकर पूजा-पाठ के बहाने उसका शीलभंग किया है। आरोपी किसी प्रकार की सहानुभूति का पात्र नहीं है।