scriptइसलिए नहीं मिल रही शाजापुर को बायपास की राहत | That's why Shajapur is not getting relief from the bypass | Patrika News

इसलिए नहीं मिल रही शाजापुर को बायपास की राहत

locationउज्जैनPublished: Aug 19, 2019 12:42:47 am

Submitted by:

rajesh jarwal

मक्सी और सारंगपुर को मिली बायपास से राहत, शाजापुर को अब तक करना पड़ रहा इंतजार

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मक्सी और सारंगपुर को मिली बायपास से राहत, शाजापुर को अब तक करना पड़ रहा इंतजार

शाजापुर. आगरा-मुम्बई राष्ट्रीय राजमार्ग के ब्यावरा से लेकर देवास तक के फोरलेन निर्माण में शहर के बायपास सहित मक्सी और सारंगपुर में भी बायपास का निर्माण होना प्रस्तावित था। इसमें से मक्सी और सारंगपुर का बायपास तो बन गया, लेकिन शाजापुर के बायपास का दो दशक लंबा इंतजार अब-भी इंतजार ही बना हुआ है। वैसे तो बायपास को एक अगस्त तक शुरू हो जाना था, लेकिन अब एनएचएआइ का कहना है कि इसका पूरा निर्माण में सितंबर माह के अंत तक हो सकेगा। ऐसे में शहरवासियों को करीब दो माह का और इंतजार करना पड़ेगा।
शहर के बीच से निकले हुए राष्ट्रीय राजमार्ग का फोरलेन निर्माण देवास से शिवपुरी तक किया जा रहा है। इसे अलग-अलग तीन भागों में बांटा गया है। इसमे शिवपुरी से गुना तक एक हिस्सा, गुना से ब्यावरा तक दूसरा हिस्सा और ब्यावरा से देवास तक तीसरे हिस्से का निर्माण कार्य किया जा रहा है। देवास से ब्यावरा तक के करीब 142 किमी लंबे बायपास का निर्माण करीब 18 00 करोड़ रुपए की लागत से हो रहा है। इसमें अधिकांश मार्ग का निर्माण तो हो चुका है, लेकिन इसी के बीच शहर के बायपास का निर्माण कार्य अभी-भी पूरा नहीं हुआ है। किसी ने किसी परेशानी के चलते कई बार बायपास का निर्माण रुकता रहा। अब एनएचएआइ का कहना है कि वो बायपास को सितंबर माह के अंत तक पूरा करने का प्रयास कर रही है। देखना होगा कि बायपास का निर्माण सिंतबर माह तक भी पूरा हो पाएगा या नहीं।
50 हजार वाहन गुजरते
एक अनुमान के मुताबिक शहर के बीच से निकले राष्ट्रीय राजमार्ग से 24 घंटे में छोटे-बड़े सभी तक के वाहनों को मिलाकर करीब 50 हजार वाहन गुजरते हैं। इतनी बड़ी संख्या में वाहनों के गुजरने के कारण इस मार्ग पर हमेशा ही चहल-पहल बनी रहती है। शहर के बीच से निकले इस मार्ग पर यातायात का खासा दबाव रहने से लोगों को भी परेशानी होती है। इसके लिए करीब 20 साल पहले बायपास निर्माण की मांग उठी और इसकी फाइल चली, लेकिन बार-बार अडंग़े आने के कारण इसका काम टलता रहा। वर्ष 2016 में जब देवास-शिवपुरी फोरलेन का निर्माण शुरू हुआ तब ब्यावरा से देवास तक के मार्ग के बीच में शहर के बायपास का काम भी शुरू किया गया। अब इस काम के पूरा होने का सभी को इंतजार है।
अब हाइटेंशन के कारण हो रहे टेंशन- एनएचएआइ के अनुसार शहर के बायपास का निर्माण जुलाई माह की शुरुआत में ही पूरा हो जाता है, लेकिन चैत्र नवरात्रि के दौरान शाजापुर शहर में लगे हुए मेले के कारण वाहनो ंको अधूरे बायपास से निकालने के कारण इसका काम रूक गया था। इस कारण ये निर्माण एक माह आगे बढ़ गया। इसके बाद जब निर्माण कार्य शुरू हुआ तो काम तेज गति से चला, लेकिन बायपास पर दो स्थानों पर बिजली की हाइटेंशन लाइन सड़क क्रास करते हुए गुजर रही है। ऐसे में हाइटेंशन लाइन के नीचे निर्माण करने के लिए बिजली कंपनी से इस लाइन को बंद करने के लिए कहा गया है। ताकि यहां पर मशीनों की मदद से निर्माण कार्य आसानी से हो सके। क्योंकि यदि हाइटेंशन लाइन के नीचे बड़ी-बड़ी मशीनों से निर्माण कार्य किया गया तो हादसे की संभावना है। ऐसे में जब बिजली कंपनी यहां पर बिजली बंद करेगी तब इसके नीचे से सड़क का निर्माण हो सकेगा। एनएचएआइ के अनुसार बिजली कंपनी से चर्चा हो चुकी है। इसके चलते इस बायपास का निर्माण सितंबर माह के अंत तक हो
सकता है।
11 किमी है बायपास की लंबाई
शहर के बायपास की लंबाई करीब 11 किमी है। इसे टुकराना जोड़ से लेकर सनकोटा घाटी तक शहर के बाहर की ओर से बनाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त मक्सी में हमेशा से ही रेलवे फाटक पर वाहनों के फंसने की समस्या के कारण मक्सी के पास भी इसी मार्ग के अंतर्गत बायपास का निर्माण किया गया। जानकारी के अनुसार मक्सी के पास करीब 6 किमी का बायपास बनाकर पूरे ट्रैफिक को डायवर्टकर दिया गया। इसी तरह सारंगपुर के बीच से भी राष्ट्रीय राजमार्ग निकलने के कारण यहां पर भी यातायात का दबाव काफी था। ऐसे में यहां पर भी करीब 8 किमी लंबे बायपास का निर्माण कर यातायात के दबाव को कम कर दिया गया। शाजापुर के बायपास निर्माण के साथ ही मक्सी और सारंगपुर के बायपास का निर्माण शुरू हुआ था। अब जबकि सारंगपुर और मक्सी का बायपास तो पूरा बन चुका है, लेकिन शाजापुर के बायपास का निर्माण अभी-भी जारी है।
&शाजापुर के बायपास के निर्माण में दो स्थानों पर हाइटेंशन लाइन क्रॉस हो रही है। लाइन बंद होने के बाद इसके नीचे सड़क बनाई जा सकती है। इस संबंध में बिजली कंपनी से चर्चा हो चुकी है। सितंबर माह के अंत तक बायपास के पूरे निर्माण की संभावना है।
आरआर दांडे, प्रोजेक्ट मैनेजर, एनएचएआइ
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