इसके लिए जिला शिक्षा कार्यालय ने अपने स्तर पर तैयारी कर ली है। जिला शिक्षा अधिकारी आनंद शर्मा के मुताबिक जिले भर के 57 संकुल में 594 केंद्रों पर दोनों कक्षाओं की परीक्षा होगी। कक्षा 5वीं के 15260 विद्यार्थी परीक्षा देंगे, जिसकी सौ फीसदी मेपिंग हो चुकी है। वहीं 8वीं की परीक्षा देने वाले कुल 15764 परीक्षार्थी हैं। प्रदेश भर के कई जिलों में 100 प्रतिशत मेपिंग नहीं हो सकी, लेकिन इस मामले में उज्जैन जिला अव्वल है। इस बार परीक्षा का पैटर्न भी पुख्ता रहेगा, जिसके लिए एक सॉफ्टवेयर से तैयारी की गई है।
माध्यमिक शिक्षा मंडल की ओर से पैनी निगरानी और हर छोटी-बड़ी गलती पकड़ने के लिए सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है, जिसके हिसाब से प्रत्येक जिले के हर संकुल और परीक्षा केंद्र के इंतजाम पर नजर है। इसके साथ ही परीक्षार्थियों की मेपिंग का काम भी इसी सॉफ्टवेयर से हो रहा है, जिससे यह स्पष्ट हो रहा है कि किस जिले में कितने विद्यार्थी परीक्षा से अनुत्तीण रह सकते हैं।
ऐसे मिलेगी रियायत
ऑनलाइन पढ़ाई और लंबे अंतराल के बाद ऑफलाइन परीक्षा से विद्यार्थियों में घबराहट है। इस घबराहट में यदि किसी बच्चे का परिणाम बिगड़ जाए तो उसे दोबारा परीक्षा देने का मौका मिलेगा। इसके लिए उन बच्चों की विशेष कोचिंग की व्यवस्था भी होगी, जिससे दूसरी परीक्षा में उनका परिणाम सुधर सके। जिला शिक्षा अधिकारी शर्मा के अनुसार यह व्यवस्था निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009(राइट. टू एजुकेशन एक्ट 2009) के तहत की जा रही है, जिससे परिणाम सुधारा जा सके। क्योंकि इस अधिनियम के तहतम बच्चों को फेल करने का प्रावधान नहीं है।