प्रदेशभर के विश्वविद्यालयों में गाउन ड्रेस पर अब पूरी तरह प्रतिबंध लग गया है। गाउन प्रथा का विरोध उज्जैन में 2014 के दीक्षांत समारोह अवसर पर संत अवधेशपुरी महाराज ने इसके विरोध की शुरुआत की थी। मध्यप्रदेश में सबसे पहले विक्रम विवि के दीक्षांत समारोह में संत डॉ. अवधेशपुरी महाराज (परमहंस) ने की थी। इसके बाद उन्होंने इसके खिलाफ अभियान चलाया। व्यापक अभियान भी खूब चले। नतीजा यह हुआ कि अब पूरे प्रदेश में दीक्षांत समारोह आयोजन के दौरान गाउन प्रथा पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दी गई है।
अब पुरानी व्यवस्था खत्म होने के साथ दीक्षांत की भारतीय डे्रस लागू हो गई है। इसके लिए अवधेशपुरी ने राज्यपाल तथा उच्च शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर उच्च शिक्षा के इतिहास में गुलामी के प्रतीक गाउन परंपरा को समाप्त कर अभिनव कीर्तिमान स्थापित करने के लिए पत्र लिखकर आभार प्रकट किया गया।
विक्रम विवि में 25 जुलाई 2014 को आयोजित दीक्षांत समारोह में श्रीरामचरित मानस में माननीय मूल्यों पर डॉ. शैलेन्द्रकुमार शर्मा के मार्गदर्शन में शोध कर शोधोपाधि ग्रहण करते समय एक शोधार्थी के रूप में अवधेशपुरी द्वारा देश में पहली बार ब्रिटिश कल्चर की प्रतीक गाउन परंपरा का विरोध कर संत वेश में पीएचडी की उपाधि ग्रहण की थी। इसी समय तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री, मुख्यमंत्री, राज्यपाल, मप. एवं उच्च शिक्षा मंत्री भारत सरकार एवं पीएमओ को पत्र लिखकर महाराज द्वारा गाउन परंपरा को प्रदेश एवं देश से समाप्त करने का आग्रह किया था।