scriptभस्म आरती के नाम पर धोखाधड़ी: मंदिर प्रशासन ने पुजारी-पुरोहितों को दिए आदेश | The case of Mahakal temple Bhasma Aarti fraud | Patrika News

भस्म आरती के नाम पर धोखाधड़ी: मंदिर प्रशासन ने पुजारी-पुरोहितों को दिए आदेश

locationउज्जैनPublished: Feb 14, 2020 09:55:02 pm

Submitted by:

Lalit Saxena

Ujjain News: मंदिर समिति ने अपडेट नहीं की पुजारी-पुरोहित की सूची, इसी का फायदा उठाकर दिवंगत पुरोहित के नाम से लेते रहे भस्म आरती अनुमति

The case of Mahakal temple Bhasma Aarti fraud

Ujjain News: मंदिर समिति ने अपडेट नहीं की पुजारी-पुरोहित की सूची, इसी का फायदा उठाकर दिवंगत पुरोहित के नाम से लेते रहे भस्म आरती अनुमति

उज्जैन. हॉलैंड के छह श्रद्धालुओं के साथ भस्म आरती अनुमति के नाम पर हुई धोखाधड़ी में मंदिर समिति की खामी भी सामने आई है। समिति ने मंदिर के पुजारी-पुरोहितों की ऑनलाइन लिस्ट अपडेट ही नहीं की। इसी का फायदा दलालों ने उठाया और चार माह पूर्व दिवंगत हुए पुरोहित के नाम से भस्म आरती अनुमति जारी करवाते रहे। हालांकि एक गड़बड़ी सामने आने पर पुजारी-पुरोहितों को अब ड्रेसकोड व परिचय पत्र पहनना अनिवार्य किया गया है। वहीं श्रद्धालुओं के बीच खराब हुई छवि को सुधारने के लिए उन्हें स्पेशल भस्म आरती परमिशन दी गई।

ऐसे बनवाई जा रही थी अनुमति
महाकाल मंदिर में दिवंगत पुरोहित स्व. गोपाल व्यास के नाम से ही भस्म आरती की अनुमति बनवाई जा रही थी। इस बात का खुलासा हॉलैंड से आए छह श्रद्धालुओं से 13 हजार रुपए लेकर भस्म आरती कराने के लिए दिए गए आवेदन पर स्व. गोपाल व्यास का नाम लिखा होने पर सामने आया।

बाहरी पुजारी ने कैसे ले लिए रुपए
दूसरा बड़ा मामला यह भी सामने आया है कि जब इंदौर की होटल में हॉलैंड के श्रद्धालुओं से १० हजार रुपए ले लिए गए थे, और जब ये लोग उज्जैन मंदिर पहुंचे तो इन्हें एक अन्य व्यक्ति पूजन के लिए ले गया और पर व्यक्ति के अनुसार 500 रुपए यानी तीन हजार फिर से ले लिए। ऐसे में मंदिर के गर्भगृह निरीक्षक व समिति से जुड़े अन्य कर्मचारियों व पुजारी-पुरोहितों ने इस पर आपत्ति क्यों नहीं ली। इस सवाल पर प्रशासक रावत ने कहा कि इसीलिए अब परिचय पत्र पहनना अनिवार्य किया जा रहा है।

भस्म आरती काउंटर के कर्मचारियों को नहीं दी सूचना
प्रशासक एसएस रावत ने बताया कि पुरोहित पं. गोपाल व्यास के दिवंगत होने की सूचना मंदिर कार्यालय में तो थी, लेकिन भस्म आरती काउंटर पर कार्यरत प्रभारी व अन्य कर्मचारियों को इसकी सूचना नहीं दी गई, इसीलिए यह गड़बड़ी चल रही थी। अब सभी पुजारी-पुरोहितों की लिस्ट फिर से अपडेट की जा रही है। सहायक प्रशासक एवं भस्म आरती प्रभारी मूलचंद जूनवाल ने बताया हिमांशु व्यास हमेशा किसी को भेजकर अनुमति बनवाता रहा है, इसलिए कभी यह ध्यान नहीं दिया कि उनके पिता जीवित हैं या नहीं।

पुजारी-पुरोहितों को जरूरी होगा परिचय पत्र पहनना
प्रशासक रावत ने सभी पुजारी-पुरोहित व उनके प्रतिनिधियों को निर्देशित किया है कि वे मंदिर परिसर में जब मौजूद हों, उस समय अपने ड्रेसकोड एवं परिचय पत्र को पहनकर रखें। इससे आने वाले दर्शनार्थियों में भ्रम की स्थिति नहीं होगी।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो