उज्जैन

घर लौटेंगे बप्पा, पितरों का होगा आगमन

दस दिवसीय गणेशोत्सव रविवार को होगा संपन्न

उज्जैनSep 22, 2018 / 06:07 pm

Lalit Saxena

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उज्जैन. गणपति अपने गांव चले..कैसे हमको चैन पड़े। अब बप्पा अपने घर लौटने वाले हैं। रविवार को उनकी विदाई होगी। इसी के साथ घर-घर पितरों का आगमन होगा। सोलह दिनों तक आस्था और श्रद्धा का श्राद्ध पर्व मनाया जाएगा। अपने पूर्वजों को प्रसन्न करने के लिए पूजन, पाठ, जप, तर्पण, पिंडदान व अन्य कर्मकांड किए जाएंगे। घरों में बनने वाला खाना पहले पितृ देवों के निमित्त निकाला जाएगा। उज्जैन के सिद्धवट और गयाकोठा तीर्थ सहित रामघाट पर श्राद्ध पक्ष को देखते हुए स्थानीय प्रशासन द्वारा व्यवस्था की जा रही हैं।

ढोल-बाजे के साथ विदा होंगे बप्पा
ढोल-गाजे-बाजे के साथ गणपति बप्पा मोरिया के जयकारों के साथ विघ्नहर्ता रविवार को अपने धाम पधारेंगे। अगले वर्ष पुन: पधारने का वादा करके गणेशजी अपने घर लौटेंगे। दस दिनों तक विभिन्न चौराहों, मंदिरों और घर-घर पूजा पाठ का दौर रविवार को थम जाएगा। भक्तगण अपने आराध्य देव की विदाई करेंगे। नदी के तट पर मूर्तियां विसर्जन के लिए ले जाई जाएंगी, लेकिन इन्हें यहां सिर्फ जल के छींटे देकर परंपरा का निर्वाह किया जाएगा। प्रशासन ने मूर्ति विसर्जन के लिए नदी पर प्रतिबंध लगाया है।

संध्याकाल में ही करेंं विसर्जन
ज्योतिर्विद पं. आनंदशंकर व्यास ने बताया कि गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन संध्याकाल में ही करना श्रेष्ठ रहता है। आजकल लोगों ने रातभर झांकियां निकालने का क्रम जगह-जगह शुरू कर दिया है, जिससे लोगों का ध्यान झांकियों में अधिक और गणेश प्रतिमा के दर्शन में कम हो गया है। महाराष्ट्र में सिर्फ गणेश प्रतिमाएं ही निकाली जाती हैं।

सोमवार को होगी पूर्णिमा
श्राद्धपक्ष की पूर्णिमा तिथि सोमवार को रहेगी तथा मंगलवार को एकम का श्राद्ध होगा। अपने पूर्वजों के निमित्त श्राद्ध करने के लिए तिथि अनुसार ही करना चाहिए। कई लोग पहले दिन भी पूर्वजों को श्राद्ध में लेने लगे हैं। यदि समयाभाव के कारण ऐसा करना भी पड़े तो पूर्वजों की तिथि अनुसार धूप अवश्य डालें।

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