script

हर वर्ग में ज्योतिष स्पेशलाइजेशन की चाह, योग भी विद्यार्थियों की पंसद

locationउज्जैनPublished: Jun 12, 2019 09:56:46 pm

Submitted by:

Lalit Saxena

विवि प्रोफेसर दे रहे प्रवेश के लिए मार्गदर्शन, प्रमुख कोर्स में 8 से 10 तक पहुंचे आवेदन

patrika

yoga,Astrology,student,Vikram University,courses,ved,Predict,

उज्जैन. विश्व की सबसे प्राचीन और समृद्ध भाषा संस्कृत में युवा दिलचस्पी ले रहे हैं। उक्त विषय से जुड़े क्षेत्र में नए-नए शोध किए जा रहे हैं। शासन भी इन विषयों की तरफ विशेष ध्यान दे रहा है। इसी के चलते युवा पीढ़ी को संस्कृत, वेद और ज्योतिष से जोडऩे के लिए विक्रम विश्वविद्यालय ने उक्त पाठ्यक्रमों में भी च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम लागू किया। इसके तहत विद्यार्थी अपनी पसंद के विषय चुन सकते हैं। हालांकि युवा से बुजुर्ग हर वर्ग की पहली पसंद ज्योतिष में स्पेशलाइजेशन है। इसके पीछे भविष्यवाणी के सटीक बैठाने पर मिलने वाली शोहरत भी मुख्य कारण है। दूसरी तरफ योग भी विद्यार्थियों की पसंद बना हुआ है। पिछले कुछ वर्षों में योग के प्रति रुझान बढ़ा तो अभी तक बरकरार है। इसमें प्रवेश लेने वाले विद्यार्थी पाठ्यक्रम से मिलने वाले ज्ञान को प्रोफेशनल रूप से कम व्यक्तिगत उपयोग करने का उद्देश्य लेकर पहुंचते हैं।

अध्ययनशालाओं में प्रवेश प्रक्रिया जारी

विक्रम विवि की अध्ययनशालाओं में प्रवेश प्रक्रिया जारी है। विवि में संचालित 50 से अधिक स्नातक, स्नातकोत्तर, पीजी और यूजी डिप्लोमा में प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन हो रहे हैं। विद्यार्थियों को कॅरियर मार्गदर्शन देने के लिए विवि ने इस सत्र में 20 दिवसीय शिविर भी लगाया है। इसमें विद्यार्थी अपनी जिज्ञासा को दूर करने के लिए पहुंच रहे हैं।

एमए इन ज्योतिष– विवि के ज्योतिष के पाठ्यक्रम को मेडिकल साइंस से जोड़ा गया है। चिकित्सा ज्योतिष में शोध कार्य तक जारी है। विद्यार्थियों को कुंडली नहीं होने की दशा में व्यक्ति के गुण-दोष के आधार पर फल ज्ञात करने का प्रशिक्षण दिया जा जा रहा है।

एमए इन वेद – कई परंपरागत विषय में से विद्यार्थियों को रुचि के अनुरूप प्रश्नपत्र चयन करने की पात्रता।

एमए इन संस्कृत – संस्कृत भाषा को सरल तरीके से पढऩे और बोलने का प्रशिक्षण देने के साथ पाठ्यक्रम को आधुनिक विज्ञान और संदर्भ से जोड़कर तैयार किया गया है।

योगा और दर्शन – विक्रम विवि में योगा के साथ विद्यार्थियों को दर्शनशास्त्र का ज्ञान दिया जा रहा है। विद्यार्थियों को योग की बारीकी से अवगत करवाने के लिए प्रतिदिन प्रशिक्षण दिया जाता है।

इनका कहना है

वाग्देवी भवन में प्रतिदिन विषय विशेषज्ञ नव विद्यार्थियों को जानकारी देने के लिए उपस्थित रहते हैं। रुचि रखने वाले विद्यार्थियों को सम्पर्क करने पर पाठ्यक्रम की बारीकियों से अवगत कराया जा रहा है।

डॉ. राजेश्वर शास्त्री मूसलगांवकर विभागाध्यक्ष संस्कृत, वेद, ज्योतिष अध्ययनशाला

ट्रेंडिंग वीडियो