परीक्षा के तीन दिन पहले लीक हुआ
बता दें कि उज्जैन में परीक्षा के तीन दिन पूर्व ही गणित का प्रश्नपत्र लीक हो गया। इसके बाद जिला शिक्षाधिकारी ने उच्चाधिकारियों को सूचना दी। इसी के बाद परीक्षा निरस्त करने का निर्णय हुआ। साथ ही अब नया प्रश्नपत्र जिला शिक्षाधिकारियों को ई-मेल के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा। यह पीडीएफ फाइल भी पासवर्ड आधारित होगी। इसे गोपनीयता पूर्वक प्रिंट करवाकर परीक्षा आयोजित की जाएगी।
वार्षिक मूल्यांकन की प्रक्रिया जारी
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कक्षा पांचवीं व आठवीं का वार्षिक मूल्यांकन की प्रक्रिया जारी है। इस मूल्यांकन के लिए सभी सरकारी स्कूलों को सीलबंद लिफाफों में प्रश्नपत्र व परीक्षा सामग्री वितरित की गई, लेकिन उज्जैन में परीक्षा के तीन दिन पूर्व ही गणित का प्रश्नपत्र विद्यार्थियों के हाथ में पहुंच गया। सोमवार को पूरा मामला उजागर हुआ तो विभागीय अधिकारियों में हड़कंप मच गया। जिलाशिक्षाधिकारी ने मंगलवार को उच्च शिक्षा विभाग को पत्र लिखा और पूरे मामले में अवगत करवाया। इसी पत्र के आधार पर परीक्षा को निरस्त कर आगामी तिथि घोषित कर दी है।
जांच में भी लीपापोती
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत कक्षा आठवीं तक परीक्षा की जगह वार्षिक मूल्यांकन होता है। परीक्षा में विद्यार्थियों को फेल नहीं किया जाता है। विभाग प्रश्नपत्र लीक प्रकरण को ज्यादा गंभीरता से नहीं ले रहा है। हालांकि पूरे प्रकरण में जिस तरह प्रश्नपत्र वितरित किया गया। इससे सभी अधिकारियों की कार्यप्रणाली की पोल खोल दी है। प्रश्नपत्र लीक करने वालों में पूर्व बीआरसी पर आरोप लगाया गया, वहीं बीआरसी का कहना है कि उन्होंने सील बंद लिफाफे प्राचार्य को सौंपे। इस संबंध में उन्होंने जिला शिक्षाधिकारी को पत्र भी लिख दिया है।