12716 6295 140118
इनका कहना
प्याज खरीदी की जानकारी शासन को भेजी जा चुकी है। समर्थन मूल्य तय होने के बाद जैसे ही निर्धारित राशि का आवंटन प्राप्त होगा, किसानों को उचित माध्यम से भुगतान किया जाएगा।
– केएस गुर्जर, उपसंचालक उद्यानिकी,उज्जैन.
उज्जैनPublished: Sep 08, 2019 10:56:25 pm
Shailesh Vyas
भावांतर योजना में किसानों ने प्याज बेव तो दिए। किसानों को भुगतान का इंतजार है। ६ हजार से अधिक किसानों ने माल सरकार के माध्यम से बेचा था।
भावांतर योजना में किसानों ने प्याज बेव तो दिए। किसानों को भुगतान का इंतजार है। ६ हजार से अधिक किसानों ने माल सरकार के माध्यम से बेचा था।
उज्जैन.सरकार द्वारा प्याज समर्थन मूल्य निर्धारित नहीं किए जाने से बीते सीजन में प्याज में भावांतर योजना का लाभ उठाने वाले किसानों को इस बार चार माह पहले प्याज बेचने के बाद भी भावांतर की राशि के भुगतान का इंतजार हैं। जिले के ६ हजार से अधिक किसानों ने पंजीयन के लगभग डेढ़ लाख क्विंटल प्याज विक्रय किया था। किसानों को प्याज-लहसुन के उचित दाम दिलाने के लिए प्रदेश सरकार ने बीते वर्ष २०१८ में मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना में समर्थन मूल्य पर प्रदेशभर में प्याज खरीदा था। इसमें अकेले उज्जैन जिले में प्याज-लहसुन बेचने वाले 41 हजार से अधिक किसानों को लगभग 1 अरब 52 करोड़ का भावांतर का राशि का भुगतान किया गया था। बहरहाल इस बार मुख्यमंत्री प्याज कृषक प्रोत्साहन योजना में भावांतर में प्याज बेचने वालों को राशि नहीं मिली है। दरअसल भुगतान नहीं होने की स्थिति सरकार द्वारा समर्थन मूल्य निर्धारित नहीं किए जाने से बनी है।
जून में हुई थी प्याज की खरीदी
मुख्यमंत्री प्याज कृषक प्रोत्साहन योजना में किसानों के पंजीयन 30 मई तक किए थे। पंजीयन भी 2 एकड़ वाले किसानों का हुआ। इन किसानों से प्रति एकड़ 250 क्विंटल के मान से खरीदी की योजना थी। इसमें जिले में 12 हजार 716 किसानों ने प्याज बेचने का पंजीयन कराया था, लेकिन पंजीयन कराने वाले किसानों में से आधे ने ही भावांतर पर प्याज का विक्रय किया है। इनको भी राशि नहीं मिली है।
यह है भावांतर योजना
भावांतर योजना के अंतर्गत किसानों को अपनी उपज को बेचने से पहले रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है। भावांतर योजना के लिए मध्यप्रदेश सरकार के बनाए एमपी उपार्जन पोर्टल पर यह पंजीकरण कराया जा सकता हैं। पंजीकरण के बाद किसान को उनकी उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलना सुनिश्चित हो जाता है। सरकार मंडियों में बिक्री मूल्य और लाभकारी मूल्य के बीच अंतर का भुगतान किसानों के खातों में सीधे करती हैं। भावांतर योजना से किसानों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ती हैं। कम दाम पर बिक्री करने पर मिलता है फायदापंजीयन के बाद मंडी प्रांगण में जो किसान अब प्याज लेकर बेचने के लिए आता है उसे अनुबंध पत्रक, भुगतान पत्रक और तोल पत्रक जारी किया जाता है। इसके अलावा प्याज के साथ किसान की फोटो खींची जाती है। व्यापारी के द्वारा प्याज की जो बोली लगाई जाएगी उस हिसाब से भावांतर का लाभ मिलता है। मान लें कि सरकार ने प्याज का समर्थन मूल्य 8 रुपए प्रतिकिलो यानी 800 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है। किसान का प्याज अगर 8 रुपए से कम में व्यापारी द्वारा खरीदा जाता है तो किसान के खाते में अंतर की राशि डाली जाएगी। शासन द्वारा वर्ष 2018-19 की प्याज खरीदी योजना की दर 800 रुपए क्विंटल तय की थी। इस वर्ष अभी तक दर तय नहीं की गई है।
मुख्यमंत्री प्याज कृषक प्रोत्साहन योजना 2019,20 पर एक नजर
पंजीकृत किसान विक्रेता किसान विक्रय की मात्रा (क्विंटल में )
12716 6295 140118
इनका कहना
प्याज खरीदी की जानकारी शासन को भेजी जा चुकी है। समर्थन मूल्य तय होने के बाद जैसे ही निर्धारित राशि का आवंटन प्राप्त होगा, किसानों को उचित माध्यम से भुगतान किया जाएगा।
– केएस गुर्जर, उपसंचालक उद्यानिकी,उज्जैन.