scriptउज्जैन के कार्तिक मेले से रात चार बजे लौटी लड़की, बोली- यह हो गया | The girl returned from Karthik fair at four o'clock in the night. | Patrika News

उज्जैन के कार्तिक मेले से रात चार बजे लौटी लड़की, बोली- यह हो गया

locationउज्जैनPublished: Dec 01, 2019 10:52:46 pm

परिजनों ने महाकाल थाने में लड़की के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज करवाई, पुलिस ने जांच की सच सामने आया

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परिजनों ने महाकाल थाने में लड़की के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज करवाई, पुलिस ने जांच की सच सामने आया

उज्जैन. कार्तिक मेले से आधी रात को एक ११ वर्षीय बालिका के अपहरण की सूचना से हड़कंप मच गया। परिजनों ने रात ३ बजे थाने पहुंचकर गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई। वहीं बालिका तड़के ४ बजे लौट आई लेकिन उसने बताया कि एक अंकल-आंटी उसे साथ ले गए थे। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेकर जांच शुरू की तो पता चला कि कार्तिक मेले में उसके हम उम्र के लड़का-लड़की आए थे, इनके साथ वह घूमने चली गई थी। रात में देर हो गई तो पिता के डर के मारे उसने अपने अपहरण की झूठी कहानी बता दी। पुलिस मामले में पांच घंटे तक लड़की की कहानी की जांच करती रही आखिरकार अपहरण की कहानी झूठी साबित हुई।

मक्सीरोड स्थित गणेशपुरा में रहने वाला एक परिवार ने कार्तिक मेले में चायनीज फास्ट फूड की दुकान लगाई है। शनिवार रात को दुकान पर उनकी ११ वर्षीय बालिका भी थी। रात में वह बगैर बताए कहीं चली गई। परिजनों ने सोचा मेले में कहीं गई होगी वापस आ जाएगी। लेकिन रात २ बजे तक वह नहीं लौटी। इस पर उसकी तलाश शुरू की। जब वह नहीं मिली तो परिजनों ने महाकाल थाना पहुंचकर उसके अपहरण की रिपोर्ट दर्ज करवा दी। मेले से ११ वर्षीय बालिका के अपहरण की रिपोर्ट में पुलिस में हड़कंप मच गया और उसकी तलाशी शुरू की। तड़के ४ बजे के करीब बालिका घर लौट आई। उसने परिजनों को बताया कि एक अंकल-आंटी आए थे, जो उसे साथ ले गए। बालिका ने पहले बताया कि अंकल-आंटी उसे मेले के सुलभ कॉम्प्लेक्स तक ले गए फिर उसे पता नहीं। वही एक और घटना बताई कि दुकान पर एक अंकल-आंटी आए थे और उन्हें नदी का रास्ता बताना था इसलिए वह उसे साथ ले गए थे। पुलिस ने बालिका की कहानी की कहानी संदिग्ध लगी। इस पर जब उसे अकेले में ले जाकर सच्चाई बताने को कहा तो उसका कहना था कि गणेशपुरा में ही उसकी हम उम्र के एक लड़का और लड़की मेले में आए थे। यहां से वे तीनों मेला घूमने निकल गए। इस दौरान वे मेले के साथ बगीचे में भी चले गए। घूमने-फिरने और बातचीत में आधी रात हो गई। इतनी रात होने पर पिता के मारने के डर से उसने झूठी कहानी बता दी। हालांकि इससे पूर्व महाकाल पुलिस ने बालिका के अपहरण की धाराओं में प्रकरण दर्ज कर लिया था।
साढ़े पांच घंटे तक पुलिस बालिक की कहानी की सत्यता जांचती रही

बालिका ने अपने अपहरण की जो कहानी बताई उसको लेकर महाकाल पुलिस साढ़े पांच घंटे तक मशक्कत करती रही। जांच अधिकारी उप निरीक्षक गजेंद्र पचौरिया ने बताया कि बालिका का कहना था कि अंकल-आंटी उसे रात ११ बजे मेले के सुलभ-कॉम्प्लेक्स ले गए थे। इस पर बालिका को लेकर कॉम्प्लेक्स गए, यहां उससे पूछा कि कहां छोड़ गए थे वह कुछ बता नहीं पाई। आसपास के लोगों से भी पूछताछ की लेकिन कोई बालिका के बारे में नहीं बताया। वहीं बालिका को लेकर नदी घाट पर भी गए लेकिन वह कुछ भी नहीं बता पाई। इस पर बालिका की भाभी के साथ अकेले मेें बैठकर चर्चा की तो वास्तविकता सामने आ गई। दोपहर १.३० बजे पूरा घटनाक्रम स्पष्ट हो गया।
बलात्कार जैसी कोई बात नहीं

बालिका के अपहरण होने के बाद उसके साथ बलात्कार होने की बात भी सामने आई थी। पुलिस का कहना ऐसा कुछ नहीं हुआ। जो लड़का उसके साथ था वह पांचवीं कक्षा में ही पढ़ता है। वहीं परिजनों ने भी बलात्कार नहीं होने की बात कहते हुए मेडिकल परीक्षण कराने से भी मना कर दिया।

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