उज्जैनPublished: Jan 16, 2019 12:59:00 am
Gopal Bajpai
आरोपी माता-पिता का जेल से लाकर डीएनए टेस्ट हुआ , बच्ची के टेस्ट के बाद विसरा जांच के लिए सागर रवाना
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उन्हेल. प्रेम-प्रसंग में जन्मी नवजात बच्ची को नाजायाज समझकर जिसे सड़क पर छोड़ गए थे उसके भाग्य तो गुजरात के अहमदाबाद में धनाड्य परिवार में चमक गए है, पर जन्म देने वाले माता-पिता कानूनी शिकंजे में फंस कर जेल की हवा खा रहे है। दूध मुही बच्ची अब अनन्या बनकर नए जीवन की ओर बढ़ रही है। मंगलवार को अनन्या के दो परिवार आमने-सामने हुए, पर अनन्या की डीएनए रिपोर्ट आने पर आरोपी माता-पिता सजा के हकदार हो जाएंगे।
यह है मामला : 5 अक्टूबर 2017 में उन्हेल उज्जैन रेाड पर बड़केश्वर महादेव मंदिर के सामने प्रेम-पसंग के चलते साली-जीजा के अवैध संबंध में करवन पिता बाबूलाल बैरवा निवासी गोदिंया उज्जैन जीजा का अपनी ***** सीमा पिता किशनलाल बैरवा निवासी किशनपुरा उज्जैन के बीच दुध मुही बच्ची का जन्म हुआ था। अवैध संबंध को छुपाने के लिए साली-जीजा ने दूध मुही बच्ची को उज्जैन-उन्हेल रोड पर सड़क किनारे एक सुनसान होटल पर छोड़ गए थे। उसके बाद पुलिस ने बच्ची को चाईल्डफेयर के सुपुर्द कर दिया था और माता-पिता के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया था। मामले का खुलासा होने के बाद उन्हेल पुलिस ने दोनों आरोपियों को 22 दिसंबर को गिरफ्तार कर नागदा न्यायालय में पेश किया था, वहां से उन्हें खाचरौद जेल भेज दिया था। अभी दोनों जेल में बंद है।
न्यायालय की गुहार पर पुलिस को मिली बच्ची : आरोपी माता-पिता को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस को नवजात बच्ची के डीएनए टेस्ट के लिए लाना था। अधिकारियों के निर्देश पर जांच अधिकारी एएसआइ सत्येंद्र जाट ने बच्ची की मांग के लिए कुटुम्ब न्यायालय उज्जैन में अपील की थी। न्यायालय ने पालन पोषण करने वाले पिता आलोक प्रतापसिंह निवासी अहमदाबाद को बच्ची सहित तलब कर उन्हेल पुलिस के सुपुर्द किया। मंगलवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र उन्हेल में डॉ. हेमंत रघुवंशी ने बच्ची का डीएनए टेस्ट करने के बाद उसके पिता आलोक प्रतापसिंह के सुपुर्द कर दिया। पुलिस ने नागदा न्यायालय में अपील कर आरोपी माता-पिता को भी खाचरौद जेल से डीएनए टेस्ट के लिए मांगा था। तीनों के डीएनए लेने के बाद विसरा रिपोर्ट व टेस्ट बनाकर आरक्षक बाबूलाल प्रजापति बाक्ॅस लेकर सागर जांच के लिए रवाना हो गए। रिपोर्ट आते ही पुलिस नागदा न्यायालय में पेश करेगी।
मेरा परिवार अनन्या के बिना नहीं रह सकता
आलोक प्रतापसिंह व उसकी पत्नी के बीच संतान नहीं होने पर कुटुम्ब न्यायालय उज्जैन में इस बच्ची को गोद लेने की गुहार लगाई थी। न्यायालय ने स्वीकृति दी थी, तब ही इस बच्ची का नाम न्यायालय में अनन्या रखा गया था। उसके पालनहार पिता आलोक प्रतापसिंह अहमदाबाद में इंजीनियर है। पुलिस के समक्ष वह यह कहते हुए दिखे कि कुछ भी हो अब हम अनन्या से दूर नहीं रह सकते है। उसकी मां बार-बार फोन लगाकर पूछ रही है कि पुलिस से फ्री होकर अनन्या के साथ गुजरात के लिए निकले की नहीं। पुलिस ने जैसे ही अनन्या को साथ ले जाने का कहा तो आलोक प्रतापसिंह के खुशी के ठिकाने नहीं रहे और फोन लगा कर पत्नी को बताया कि अनन्या अब हमारी है और मैं गुजरात के लिए अब निकल रहा हूं।
आरोपी माता-पिता को डीएनए टेस्ट के लिए न्यायालय की अनुमति से लाया गया था। कुटुम्ब न्यायालय की स्वीकृति पर बच्ची उन्हेल आई थी। तीनों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डीएनए टेस्ट कराने के बाद विसरा रिपोर्ट सागर भेज दी है।
आरपी कौल, प्रशिक्षु डीएसपी