scriptऋण प्रकरणों को बैंक अधिकारियों ने अटकाया तो खैर नहीं | The loan cases were not bothered by the bank officials. | Patrika News

ऋण प्रकरणों को बैंक अधिकारियों ने अटकाया तो खैर नहीं

locationउज्जैनPublished: Nov 15, 2019 06:20:54 pm

Submitted by:

rishi jaiswal

सरकारी योजनाओं के ऋण प्रकरण स्वीकृति की कमजोर स्थिति , कृषक उद्यमी योजना में १९२ के विरुद्ध १२ प्रकरण ही हुए स्वीकृत

ऋण प्रकरणों को बैंक अधिकारियों ने अटकाया तो खैर नहीं

सरकारी योजनाओं के ऋण प्रकरण स्वीकृति की कमजोर स्थिति , कृषक उद्यमी योजना में १९२ के विरुद्ध १२ प्रकरण ही हुए स्वीकृत

उज्जैन. सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के ऋण प्रकरण स्वीकृति में बरती जा रही लापरवाही व मनमानी पर गुरुवार को कलेक्टर शशांक मिश्र ने नाराजी जताई। मेला कार्यालय सभाकक्ष में जिला स्तरीय सलाहकार एवं समीक्षा समिति बैठक में उन्होंने बैंकर्स को निर्देश दिए कि शासन की योजना संबंधी जो ऋण लक्ष्य दिए गए हैं। उनका पूर्ण पालन होना चाहिए, जो बैंक अधिकारी इसमें कोताही बरतेंगे उनके विरुद्ध कार्रवाई कर वरिष्ठ कार्यालय को अवगत कराया जाएगा। बैंकों को लक्ष्य की पूर्ति के लिए २० नवंबर तक की डेडलाइन दी गई है।
मुख्यमंत्री स्वरोजगार, युवा उद्यमी, कृषक उद्यमी सहित आर्थिक कल्याण योजना के प्रकरण जिला उद्योग एवं व्यापार केंद्र के जरिए बैंकों में प्रस्तुत किए जाते हैं, लेकिन इन प्रकरणों की स्वीकृति में बैंकर्स रोड़े अटका देते हैं। कमजोर स्थिति देखते हुए कलेक्टर ने बैंक अधिकारियों को फटकार लगाई और कहा कि आप लोग शासन की योजनाओं के अमल में कोताही क्यों बरत रहे हैं। २० नवंबर तक प्रकरण स्वीकृत किए जाएं, अन्यथा कार्रवाई के लिए तैयार रहें।
606 प्रकरण तैयार किए, 311 में दिए ऋण
बैठक में जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक अरुण कुमार गुप्ता ने बताया कि जिला व्यापार एवं उद्योग ने विभिन्न बैंकों में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में 425 के लक्ष्य के विरुद्ध 606 प्रकरण स्वीकृत किए, जिसमें से बैंकों ने कुल 311 प्रकरणों में ऋण वितरण किया गया है। मुख्यमंत्री युवा उद्यमी में 45 के लक्ष्य के विरुद्ध २ प्रकरण, मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना में 192 के लक्ष्य के विरुद्ध अभी तक 12 प्रकरण स्वीकृत किए गए हैं। ऋण वितरण करने में देरी पर कलेक्टर ने कारण पूछा तो बैंकर्स संतोषप्रद जवाब नहीं दे पाए।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो