scriptउज्जैन में यहां से देख सकेंगे चंद्रग्रहण के रोमांचक नजारे… | The lunar eclipse will be seen on the telescope in the observatory | Patrika News

उज्जैन में यहां से देख सकेंगे चंद्रग्रहण के रोमांचक नजारे…

locationउज्जैनPublished: Jan 30, 2018 11:46:02 am

Submitted by:

Lalit Saxena

वेधशाला में टेलीस्कोप पर देख सकेंगे खगोलीय घटना, वर्ष का पहला पूर्ण चंद्रग्रहण कल

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उज्जैन. इस वर्ष का पहला पूर्ण चंद्रग्रहण 31 जनवरी को हो रहा है। चंद्र ग्रहण दक्षिण अमेरिका, रशिया, एशिया एवं एवं पूर्वी यूरोप में दृश्य होने के कारण भारत में अच्छी प्रकार से देखा जा सकता है। जीवाजी वेधशाला में आमजन टेलीस्कोप पर देख सकेंगे।

ग्रहण काल में भगवान का स्पर्श वर्जित

इधर ग्रहण काल में भगवान का स्पर्श वर्जित होने से महाकाल मंदिर सहित शहर में प्रमुख मंदिरों में सांध्यकालीन आरती रात में होगी। जीवाजी वेधशाला में अधीक्षक राजेंद्रप्रकाश गुप्ता ने बताया कि ३१ जनवरी को पूर्ण चंद्रग्रहण होगा। ग्रहण का प्रारंभ शाम 5 बजकर 18 मिनट और 02 सेकंड पर होगा। पूर्ण ग्रहण की स्थिति शाम 6 बजकर ५९ मिनट और ०९ सेकंड पर होगी। मोक्ष रात्रि 8.41 पर होगा। इस प्रकार ग्रहण की अवधि 3 घंटे 23 मिनट और 04 सेकंड तक रहेगी। चंद्रमा पूर्ण ग्रहण की स्थिति में रहेगा।

उज्जैन में धूप खिली होगी

ग्रहण के प्रारंभ के समय उज्जैन में धूप खिली होगी, उज्जैन में चन्द्रोदय शाम 6.08 पर होगा। गुप्ता ने बताया कि जीवाजी वेधशाला उज्जैन में टेलीस्कोप के माध्यम से ग्रहण देखने की व्यवस्था की गई है। टेलीस्कोप से ग्रहण देखने की स्थिति चन्द्रमा के टेलीस्कोप की परिधि में आने पर ही बनेगी। चन्द्रोदय के लगभग आधा घंटा बाद अर्थात शाम 6.38 के बाद चन्द्रमा क्षितिज से कुछ ऊपर आने के साथ टेलीस्कोप की रेंज में आने पर खगोलीय घटना को देखा जा सकता है। इसे ग्रहण समाप्तिकाल रात्रि 8.41 बजे तक दिखाया जाएगा।

मंदिरों में सांध्यकालीन आरती रात में होगी
महाकाल मंदिर के पुजारी आशीष गुरु ने बताया कि ३१ जनवरी को पूर्ण चंद्रग्रहण शाम ५.१८ बजे प्रारंभ होगा। ग्रहण का मोक्ष रात ८.४२ पर होगा। सूतक काल में महाकाल को केवल शकर का भोग लगेगा। ग्रहण के कारण महाकाल को ५ बजे होने वाला पूजन अपराह्न ४.३० बजे किया जाएगा। ग्रहण मोक्ष के बाद बाद मंदिर को धोकर पूजन-अर्चन किया जाएगा। सांध्यकालीन ६.३० बजे की आरती रात ९ बजे की जाएगी। मंगलनाथ के पुजारी दीप्तेश गुरु के अनुसार शाम की आरती ९ बजे, सिद्धवट में रात ८ बजे की शयन आरती रात ९ बजे प्रारंभ की जाएगी। इसी प्रकार चिंतामन गणेश, हरसिद्धि मंदिर में भी आरती ९ बजे की जाएगी।

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