आगररोड िस्थत संभाग के सबसे बड़े जिला अस्पताल में मरीज लिफ्ट की सुविधा से भी वंचित हैं। दो वर्ष से अधिक समय से यहां की लिफ्ट खराब पड़ी है। पहले पुरानी लिफ्ट को सुधारने में देरी हुई और फिर इसकी जगह नई लिफ्ट लगाने की योजना के कारण मामला और उलझ गया। लंबे इंतजार के बाद अब जिला अस्पताल में नई लिफ्ट लगाने का काम शुरू हो गया है। यूडीए कार्यपालन यंत्री निरज पांडे ने बताया कि दो महीने में नई लिफ्ट का कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा।
32 लाख की नई लिफ्ट लगेगी
जिला अस्पताल में जहां पुरानी लिफ्ट लगी थी, वहीं नई लिफ्ट लगाई जाएगी। इसके लिए कार्य शुरू हो गया है। संबंधित कंपनी के इंजीनियर ने हाल ही में उक्त स्थान की नप्ती करवाई है। इसकी लंबाई-चौड़ाई के आधार पर लिफ्ट का बोक्स व मशीन तैयार करवाई जाएगी। इसके बाद लिफ्ट इन्स्टाल की जाएगी। इस कार्य में करीब दो महीने का समय लगने का अनुमान है।
ऐसे दर्द बढ़ा रही लिफ्ट की कमी
जिला अस्पताल में ऑपरेशर थिएटर व हड्डी वार्ड पहली मंजिल पर िस्थत है। लिफ्ट सुविधा नहीं होने के कारण ऑपरेशन या हड्डी की समस्या से संबंधित मरीजों को सिढि़यों के जरिए पहली मंजिल पर ले जाना पड़ता है। इसके लिए किसी को स्ट्रेचर पर तो किसी को कुर्सी पर बिठाकर कुर्सी के साथ ही ऊपर तक पहुंचाया जाता है। एक्सरे की व्यवस्था भूतल पर होने से ऐसे मरीजों को बार-बार ऊपर नीचे लाना व लेजाना पड़ता है। इससे मरीजों को और भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। पत्रिका द्वारा लगातार समस्या उठाने के बाद कुछ सप्ताह पूर्व हड्डी वार्ड जरूर नीचे शिफ्ट कर दियाग या है लेकिन ऑपरेशन के लिए अभी भी ऐसे मरीजों को सीढि़यों से ही ले जाना पड़ता है। लिफ्ट सुविधा शुरू होने के बाद इस प्रकार के मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी।
पत्रिका ने महसूस किया दर्द, उठायी समस्या
जिला अस्पताल में मरीजों के दर्द को नजर अंदाज किया जा रहा था। पत्रिका ने मरीजों के दर्द और परिजनों की पीड़ा को प्रमुखता से लगातार जिम्मेदारों के सामने रखा। योजना मंजूर होने के बाद फंड की कमी से हो रही देरी के मुद्दे को भी उठाया। बाद में कलेक्टर ने रोगी कल्याण समिति से फंड की व्यव्स्था करने के आदेश दिए। अब नई लिफ्ट लगाने का कार्य शुरू हो चुका है।