scriptElection 2018 : अजीब संयोग : यहां चुनावी मैदान में निर्दलीय को जनता ज्यादा महत्व नहीं देती | The public does not give much importance to the Independent | Patrika News

Election 2018 : अजीब संयोग : यहां चुनावी मैदान में निर्दलीय को जनता ज्यादा महत्व नहीं देती

locationउज्जैनPublished: Oct 21, 2018 10:57:04 am

Submitted by:

Lalit Saxena

पिछले विधानसभा चुनाव 2013 में सातों सीटों पर 24 उम्मीदवार बतौर निर्दलीय उतरे थे इसमें 22 की जमानत जब्त हो गई थी।

patrika

Aam Aadmi Party,BJP,Congress,Politics,Samajwadi Party,Congress leader,bjp mla,Candidate,Assembly Elections 2018,changemaker,

जितेंद्र सिंह चौहान@उज्जैन. जिले के चुनावी परिदृश्य में यह अजीब संयोग है कि यहां चुनावी मैदान में निर्दलीय उतरने वाले उम्मीदवारों को जनता ज्यादा तवज्जों नहीं देती है। वहीं भाजपा-कांग्रेस के अलावा तीसरी पार्टी के उम्मीदवार को भी मतदाता मौका नहीं देते हैं। पिछले विधानसभा चुनाव 2013 में सातों सीटों पर 24 उम्मीदवार बतौर निर्दलीय उतरे थे इसमें 22 की जमानत जब्त हो गई थी। वहीं बागी होकर महिदपुर व बडऩगर से निर्दलीय चुनाव लड़े दिनेशचंद्र जैन बोस व सुकमाल जैन ने जरूर लाज बचाई, लेकिन इन्हें भी जीत नसीब नहीं हो सकी। यही नहीं, निर्दलीय उम्मीदवार वोट के मामले में भी ज्यादा खुशनसीब नहीं रहते हैं। जमानत जब्त होने वाले ज्यादातर निर्दलियों को 250 से लेकर 1000 तक के बीच ही वोट मिले।

बसपा, सपा, शिवसेना जैसी पार्टी भी नहीं टिकती
चुनावों में भाजपा-कांग्रेस के अलावा आधे दर्जन से अधिक पार्टियां भी अपने उम्मीदवार खड़ा करती हैं। इनमें प्रमुख रूप से शिवसेना, बसपा, समाजवादी पार्टी, लोकशक्ति जन पार्टी व फारवर्ड ब्लॉक हैं। चुनाव में खड़े इन पार्टियों के प्रत्याशियों को भी मतदाताओं ने विश्वास नहीं जताया। चुनाव में सातों विधानसभा से विभिन्न पार्टियों से 21 उम्मीदवार मैदान में खड़े थे, इन सभी की जमानत जब्त हो गई। स्थिति यह है कि इन दलों से खड़े होने वाले प्रत्याशियों को 250, 600 या 2000 से ज्यादा वोट नहीं मिलते हैं। हालांकि हर चुनाव में इन पार्टियों से नेता खड़े होकर अपने भाग्य अवश्य अजमाते हैं।

इसलिए मैदान में उतरते हैं निर्दलीय
संबंधित पार्टी के उम्मीदवारों के वोट काटना।
चुनाव में पार्टी की उपस्थिति दर्ज करवाना।
अपने समाज में नेता की छवि प्राप्त करना।
स्थानीय मुद्दों को लेकर चुनाव में खड़ा होना।
खुद का प्रचार पाने के लिए मैदान में उतरना।
पार्टी विशेष के रणनीति के तहत मोहरे के रूप में चुनाव में खड़ा होना।
मतपत्र पर अपना नाम व फोटो छपवाने के शौक।

एक नजर में
कुल निर्दलीय उम्मीदवार- 24
जमानत जब्त- 22
छोटी पार्टी से खड़े प्रत्याशी- 21
जमानत जब्त- 21

2013 में ऐसे हारे थे उम्मीदवार
नागदा खाचरौद : आठ निर्दलीय चुनाव लड़े, सभी की जमानत जब्त
इस विधानसभा से आठ उम्मीदवार बतौर निर्दलीय खड़े हुए थे। वहीं बसपा से कालूराम राठौर, सपा से नयाबउद्दीन व ऑल इंडिया फारवर्ड ब्लॉक से रामचंद्र परमार मैदान में थे। इस तरह भाजपा-कांग्रेस को छोड़कर अन्य पार्टी व निर्दलीय के रूप में 11 उम्मीदवार थे। सभी की जमानत जब्त हो गई।
इतने वोट मिले- बसपा को 982, सपा को 1975, फारवर्ड ब्लॉक को 699 व निर्दलीय प्रत्याशियों में सबसे कम अनिल ठाकुर को 235 वोट मिले थे।

महिदपुर : परुलेकर की जमानत जब्त
यहां से पिछले विधानसभा में तीन निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव में खड़े हुए थे। वहीं बसपा से नागूलाल मालवीय, सपा से गोपालसिंह पंवार फारवर्ड ब्लॉक से दुर्गेश डाबी मैदान में थे। इस तरह दोनों मुख्य पार्टी को छोड़कर अन्य पार्टी व निर्दलीय के रूप में कुल छह प्रत्याशी थे। कांग्रेस से बागी निर्दलीय उम्मीदवार दिनेश जैन बोस को छोड़कर बाकी सब की जमानत जब्त हो गई। कांग्रेस प्रत्याशी कल्पना परुलेकर की भी जब्त हुई थी।
वोट- बसपा को 2028, सपा को 1549, फारवर्ड ब्लॉक को 827 व निर्दलीय प्रत्याशी मेें ममता शर्मा को 1060 वोट मिले थे।

तराना : चार पार्टी उम्मीदवार हारे
यहां से एक निर्दलीय प्रत्याशी खड़ा हुआ। वहीं बसपा से मोहलनाल मालवीय, बहुजन संघर्ष दल से अनिल माले, प्रजातांत्रिक समाजवादी पार्टी से ईश्वरसिंह बोदाना, लोजपा से राजेश मालवीय, सपा से विक्रम धानक मैदान में थे। परिणाम आने पर सभी की जमानत जब्त हो गई।
वोट- बसपा 1216, बसद 1490, प्रसपा 320, लोजपा 258 व सपा को 539, निर्दलीय को 773 वोट मिले।

घट्टिया : उम्मीदवार को 278 वोट
यहां से तीन निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में थे। वहीं बसपा से सावित्री बहन, सपा से मुकेश गुजराती व लोजपा से अनोखीलाल मालवीय चुनाव लड़े थे। इस तरह मुख्य पार्टी को छोड़कर निर्दलीय व पार्टी के छह उम्मीदवार थे। चुनाव परिणाम में सभी की जमानत जब्त हो गई।
वोट- बसपा को 1377, लोजपा को 278, सपा को 717 व निर्दलीय में गिरधारीलाल को 471 वोट मिले थे।

उज्जैन उत्तर: शिवसेना उम्मीदवार की हो गई थी जमानत जब्त
यहां से दो निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में थे। वहीं शिवसेना से जगदीशचंद्र भट्ट, बसपा से अब्दुल रज्जाक व सपा से इरशादउद्दीन शेख चुनाव लड़े थे। मुख्य दोनों पार्टियों को छोड़ 5 उम्मीदवार खड़े हुए थे। चुनाव परिणाम में पांचों की ही जमानत जब्त हो गई।
वोट- बसपा को 1145, सपा 440, शिवसेना को 418 व निर्दलीय हाजी हफिजुर्रहमान को 317 वोट मिले।

उज्जैन दक्षिण: सपा उम्मीदवार को मिले थे 143 वोट
यहां से चार निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव में खड़े हुए थे। बसपा से लक्ष्मीनारायण मरमट व सपा से मंजू सेंगर मैदान में थी। इस तरह दोनों मुख्य पार्टी को छोड़कर कुल छह प्रत्याशी चुनाव लड़े थे। चुनाव परिणाम में सभी की जमानत जब्त हो गई।
वोट- बसपा को 1200, सपा को 143 व निर्दलीय में सबसे कम जयसिंह दरबार को 393 वोट मिले थे।

बडऩगर: बागी लड़े निर्दलीय जैन ने बचाई लाज
यहां से तीन निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में थे। वहीं सपा से ठाकुर जुझारसिंह जाधव व बसपा से दशरथ भाई गुजराती चुनाव लड़े थे। इस तरह दोनों मुख्य पार्टी को छोड़कर पांच उम्मीदवार मैदान में थे। चुनाव परिणाम आए तो भाजपा से बागी उम्मीदवार सुकमाल जैन को छोड़कर सभी की जमानत जब्त हो गई थी।
इतने मिले वोट- बसपा को 1816, सपा को 758 व निर्दलीय में याकूब पटेल को सबसे कम 570 वोट मिले थे।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो