उज्जैनPublished: Mar 08, 2019 01:03:40 am
Gopal Bajpai
एसडीएम और कॉलेज प्रबंधन ने निरीक्षण कर आवंटन के लिए कलेक्टर को प्रस्ताव भेजने की बात कही
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नागदा. गल्र्स कॉलेज भवन के लिए जमीन की तलाश पूरी कर ली गई है। मनोहर वाटिका के पीछे करीब 11 बीघा सरकारी जमीन को कॉलेज के लिए उपयुक्त बताते हुए इसके आवंटन के लिए कलेक्टर को प्रस्ताव भेजने की बात कही है। खास बात यह है कि इस जमीन पर भवन निर्माण के लिए कॉलेज प्रशासन ने भी सहमति जताई है।
गुरुवार को एसडीएम ने राजस्व अमले एवं कॉलेज प्रबंधन के साथ गल्र्स कॉलेज भवन के लिए चार अलग-अलग सर्वे नंबरों की सरकारी भूमि का निरीक्षण किया, लेकिन कॉलेज भवन के लिए उपयुक्त और सुरक्षा के लिए लिहाज से मनोहर वाटिका के पिछे स्थित सर्वे क्र 642 एवं 641 की भूमि को ही चयनित किया है। यहां कालेज भवन के लिय पर्याप्त जमीन होने के साथ-साथ यह छात्राओं के लिए सुरक्षित एवं शहर से लगी हुई भी है। हालांकि इस जमीन के कुछ हिस्से पर नाला भी है, जिसको समतल करने की परेशानी प्रशासन के समक्ष रहेगी। इसके पूर्व एसडीएम ने अपने अमले एवं कॉलेज प्रबंधन के साथ तीन अन्य स्थान पर भी जमीन का निरीक्षण किया, लेकिन तीनों स्थानों पर अलग-अलग कारणों के चलते गल्र्स कालेज भवन निर्माण का प्रस्ताव अस्वीकार्य कर दिया गया।
कॉलेज भवन निर्माण के लिए जिन चार स्थानों का निरीक्षण किया गया। उसमें एक पूर्व में आवंटित चंबल किनारे स्थित बाल हनुमान मंदिर के पास की जमीन थी। जहां एसडीएम आरपी वर्मा ने जमीन को देखते ही इसे कॉलेज के लिए असुरक्षित बताते हुए खारिज कर दिया। इसके बाद एसडीएम वर्मा ने अपने अमले के साथ बायपास रोड स्थित कस्तूरबा गांधी छात्रावास पहुंचे, लेकिन यहां भी प्रशासन को उतनी जमीन नहीं मिली जितनी भवन निर्माण के लिए चाहिए थी। एसडीएम वर्मा ने नवीन बस स्टैंड के पीछे एवं पुवाड़लिया के रास्ते पर फूटा तालाब वाले स्थान का भी निरीक्षण किया, लेकिन यह स्थान भी असुरक्षा कारणों के चलते अस्वीकार्य कर दिया गया और अंत में मनोहर वाटिका के पीछे वाले स्थान को उपयुक्त मानते हुए यहां कालेज भवन निर्माण को स्वीकृति दे दी गई है।
पिछले 7 सालों से उधार के भवन में हो रहा संचालित
शहर में कन्या महाविद्यालय का शुभारंभ वर्ष 2012 में हुआ था। तभी से यह कॉलेज सरकारी कन्या विद्यालय की बिल्डिंग में संचालित हो रहा है। करीब तीन वर्ष पूर्व चबंल तट स्थित बाल हनुमान मंदिर के पास खाली पड़ी सरकारी जमीन का आवंटन कालेज भवन निर्माण के लिए किया गया था, लेकिन सुरक्षा के लिहाज से एवं डूब क्षेत्र होने के कारण कॉलेज प्रशासन ने उक्त जमीन लेने से मना कर दिया था, तभी से कॉलेज भवन के लिए दूसरी जगह तलाश की जा रही थी।
कन्या महाविद्यालय भवन के लिए कुछ स्थानों का निरीक्षण किया था। मनोहर वाटिका के पीछे पड़ी गौचर भूमि को भवन निर्माण के लिए चयन किया गया है। जल्द ही इसके आवंटन के लिए कलेक्टर को प्रस्ताव भेज कर भवन निर्माण के लिए जमीन कालेज प्रबंधन को सौंप दी जाएगी।
आरपी वर्मा, एसडीएम नागदा