scriptकलेक्टर के अचानक दौरे से टप्पा कार्यालय की सच्चाई आई सामने | The truth about the Collector's Office came in front of the collector' | Patrika News
उज्जैन

कलेक्टर के अचानक दौरे से टप्पा कार्यालय की सच्चाई आई सामने

कलेक्टर ने फोन पर तहसीलदार से कहा- अगली बार निरीक्षण के दौरान कोई भी काम पेडिंग नहीं मिलना चाहिए

उज्जैनApr 12, 2019 / 12:57 am

Mukesh Malavat

patrika

collector,inspection,nagda,Tehsildar,ujjian,

उन्हेल. नागदा में मतदाता जागरूकता का संदेश देने के बाद कलेक्टर बुधवार की दोपहर को इंगोरिया चौपाटी स्थित तहसील टप्पा कार्यालय पहुंचे। टप्पे में बाबु रतनलाल मालवीय ही मौजूद थे, जो नामंत्रण बंटवारे का आदेश लिख रहे थे। कलेक्टर शशांक मिश्र ने पहुंचकर उसी फाइल को उठा लिया, वहीं से उन्हेल टप्पा कार्यालय की हकीकत से वह वाकिब हो गए। कलेक्टर ने पूछा कि नामंत्रण बंटवारे के कितने प्रकरण पेंडिंग है। जवाब मिला 8 प्रकरण। कलेक्टर ने पूछा बंटवारे प्रकरणों का निराकरण क्यों नहीं हुआ? कलेक्टर ने तहसीलदार राजाराम करजरे को फोन लगा कर निर्देश दिया कि अगली बार निरीक्षण में कोई भी प्रकरण पेंडिग नहीं मिलना चाहिए। जब तुम किसान को समय पर नकल नहीं दोगे तो वह दावा आपत्ति अपील कब करेगा। इसलिए नकल का काम तत्काल करें। सब कुछ जानकारी जुटाने के बाद कलेक्टर ने बाबु मालवीय से पूछा तुम कहां से आते हो, बाबु ने सरलता से जवाब दे दिया उज्जैन से। कलेक्टर बोले क्या तुम्हारे तहसीलदार ने कहा है कि उज्जैन से अपडाउन करो, फिर बाबु की सिटटी-पिटटी गुम हो गई। स्वयं कलेक्टर बाबु का नाम लिखकर निकल गए।
हकीकत से वाकिब
कलेक्टर के अचानक दौरे से टप्पा कार्यालय की सच्चाई सामने आई। नागदा तहसील का सबसे बड़ा टप्पा कई माह से तहसीलदार विहीन है। जब बीएल पाटीदार नायब तहसीलदार थे, उस दौरान राजस्व के मामलों का तत्काल निराकरण होता था। उनके जाने के बाद न्यायालय तीन दिन ही चलता है। स्थानांतरणों की उठा-पटक के चलते मार्च की कर वसूली में उन्हेल टप्पा पिछड़ गया। न्यायालयों के कई प्रकरण का फैसला होना था, लेकिन नए अधिकारियों के आने से वह मामले पेंडिंग हो गए। यही हकीकत कलेक्टर के समक्ष पहुंच गई।
नए पटवारी और अनुभव की कमी
कलेक्टर के अचानक दौरे से एक बात यह भी स्पष्ट हो गई है कि उन्हेल टप्पे में करीब एक दर्जन नए पटवारी अनुभवी पटवारियों के साथ रहकर काम सीख रहे हैं। अनुभवी पटवारी का मार्गदर्शन समय के अभाव में नहीं मिल पाता है और ऊपर से नए पटवारियों को कई हल्कों की जवाबदारी भी सौंप दी है। अगला फोकस कलेक्टर का नए पटवारियों के हल्कों के कामकाज पर रहेगा।
विशेष कुछ नहीं है। मैं जल्दी में हूं। अगली बार चर्चा करेंगे।
शशांक मिश्र, कलेक्टर

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो