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जिस काम की नहीं थी पात्रता, कर रहा था वही काम, मिल यह सजा

locationउज्जैनPublished: Sep 28, 2019 12:13:22 am

Submitted by:

Ashish Sikarwar

अनाधिकृत कोर्स कराने व परीक्षा आयोजित कर कूटरचना कर फर्जी अंकसूची व प्रमाण-पत्र तैयार करने वाले आरोपी को कोर्ट ने 7 साल की सजा व १५ हजार जुर्माने की सजा सुनाई है।

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अनाधिकृत कोर्स कराने व परीक्षा आयोजित कर कूटरचना कर फर्जी अंकसूची व प्रमाण-पत्र तैयार करने वाले आरोपी को कोर्ट ने 7 साल की सजा व १५ हजार जुर्माने की सजा सुनाई है।

महिदपुर. अनाधिकृत कोर्स कराने व परीक्षा आयोजित कर कूटरचना कर फर्जी अंकसूची व प्रमाण-पत्र तैयार करने वाले आरोपी को कोर्ट ने 7 साल की सजा व १५ हजार जुर्माने की सजा सुनाई है।
यह है पूरा मामला- सिटीजन ग्रुप ऑफ एज्युकेशन प्लेसमेंट सर्विस महिदपुर द्वारा दिल्ली बोर्ड ऑफ सीनियर सेकंडरी एजुकेशन की हाईस्कूल व हायर सेकंडरी परीक्षा फर्जी तरीके से होने की शिकायत को लेकर 17 मार्च 2015 को जांच हुई थी। मामले अनुसार
सिटीजन ग्रुप ऑफ एजुकेशन प्लेसमेंट सर्विस महिदपुर ने दिल्ली बोर्ड ऑफ सीनियर एजुकेशन के माध्यम से 17 मार्च और उसके पूर्व कई व्यक्तियों को ऐसी परीक्षाएं व कोर्स करवाने का लालच दिया था जिसके लिए आरोपी अधिकृत ही नहीं था। इस आरोपी संचालकों ने सभी से 10-10 हजार रुपए ले लिए थे। इस प्रकार फर्जी परीक्षा आयोजित कर कूट रचनाकर अंकसूची व प्रमाण-पत्र दिए जाने की शिकायत शिक्षा विभाग को मिली थी। परीक्षा आरोपी ने अलंकार हासे महिदपुर में दोपहर 2 से 5 बजे तक करवाई थी। इसे लेकर विकासखंड स्तर पर जांच दल गठित हुआ था। इसमें विकासखंड शिक्षाधिकारी मुकुटसिंह सोलंकी भी शामिल थे। दल ने अलंकार हासे में 17 मार्च को 3 बजे आकस्मिक निरीक्षण किया था। इस दौरान 36 विद्यार्थी दसवीं व 12वीं की परिक्षा देते मिले थे। विद्यार्थियों से दल ने जानकारी लेने पर बताया गया की आरोपी संदीप कलेरिया ने परीक्षा करवाई है। पास करवाने के लिए आरोपी ने 10-10 हजार रुपए देने की मांग की थी। दल मौके पर ही कार्रवाई करते हुए मामले को 18 मार्च 2015 को तात्कालिक अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को सौंपा। जिस पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व ने दोषियों के विरुद्ध कर्रावाई करने के लिए महिदपुर पुलिस को पत्र भेजा। जिस पर पुलिस ने आरोपी संदीप को 18 मार्च को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने मुख्य आरोपी विक्रम भट्ट उर्फ इकराम शेख को बनाया था जिसके द्वारा महिदपुर में फ्रेंचाइजी संदीप को दी थी। इसी के साथ संदीप को भी आरोपी बनाया गया। जांच कर मामला पुलिस ने महिदपुर न्यायालय में पेश किया। मुख्य आरोपी विक्रम भट्ट जो इंदौर निवासी है को प्रकरण विचारण के दौरान फरार घोषित किया गया था। मामले में द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश मुकेशनाथ ने आरोपी संदीप को धारा 420, 467, 468 व 471 में दोष सिद्ध पाते हुए धारा 420 भादवि में 3 वर्ष कठोर कारावास, 5 हजार जुर्माना, धारा 467 भादवि में 7 वर्ष कठोर कारावास 5 हजार जुर्माना व 468 भादवि में 3 वर्ष कठोर कारावास 5 हजार जुर्माना सुनाया। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक अजय वर्मा ने की।

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