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वेतन वृद्धि नहीं होने से आक्रोशित हुए श्रमिक, उठाया यह कदम…

50 से अधिक श्रमिकों ने गेट के बाहर की नारेबाजी

उज्जैनMar 15, 2019 / 12:59 am

Gopal Bajpai

patrika

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नागदा. गुलब्रांडसन केटेलिस्ट प्रा. लिमिटेड उद्योग के श्रमिकों ने गेट के बाहर आक्रोशित होकर जमकर नारेबाजी की। 50 से अधिक श्रमिकों के समूह ने करीब घंटे तक नारेबाजी कर प्रबंधन के प्रति आक्रोश व्यक्त किया। श्रमिकों का कहना था कि प्रबंधन ने उनकी मांग को दरकिनार कर रहा है। यदि मांगे नहीं मानी गई तो उद्योग में हड़ताल कर दी जाएगी। श्रमिकों के आक्रोश का कारण मांग-पत्र को मानने से इनकार कर दिया। गौरतलब है कि श्रमिकों ने विभिन्न मांगों को लेकर उद्योग प्रबंधन को 5 मार्च को एक मांग-पत्र सौपा था। उस समय प्रबंधन ने इन मांगों को मान लिया था, लेकिन गुरुवार शाम को हुई प्रबंधन की बैठक में उक्त मांग को दरकिनार कर दिया गया, जिससे श्रमिक भडक़ गए और उद्योग गेट पर पहुंचकर हंगामा करने लगे। प्रति पांच वर्ष में श्रमिकों का वेतन वृद्धि समझौता होता है। यह समझौता 1 जनवरी या 1 अप्रैल से लागू होता है। समझौते के पूर्व उद्योग प्रबंधन श्रमिकों से अपना मांग पत्र लेता है बाद में प्रबंधन बैठक कर मांग पत्र की कुछ मांगों का दरकिनार कर समझौता करता है। गुरुवार को उद्योग के एमडी देवांश देसाई गुजरात से शहर पहुंचे और उद्योग के स्थानीय अधिकारी यूनिट हेड राजू पाठक, एचआर एसके श्रीवास्तव के साथ बैठक की। इधर स्थानीय नेताओं के पहुंचने के बाद रात 8 बजे श्रमिकों की कुछ मांगों को मान लिया और समझौता हो गया।
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पुराने से नए बस स्टैंड, इंगोरिया रोड व अमलवादिया रोड पर 10 फीसदी गाइड लाइन बढ़ोतरी का प्रस्ताव
नागदा. नए वित्तीय वर्ष से लागू होने वाली नवीन गाइड लाइन को लेकर उपपंजीयक कार्यालय से शहर के कुल मिलाकर महज आधा दर्जन क्षेत्रों में ही गाइड लाइन बढ़ोतरी का प्रस्ताव भेजा है।
पुराने से नए बस स्टैंड, इंगोरिया रोड, अमलावदिया रोड, विद्यानगर और इसके आसपास के क्षेत्र में 10 प्रतिशत गाइड लाइन बढ़ोतरी का प्रस्ताव भेजा गया है। हालांकि इस प्रस्ताव पर जिला मूल्याकंन समिति सहमति की मोहर लगाती है या नहीं, ये अभी कह पाना मुश्किल है। राहत वाली बात यह है कि शेष शहर के किसी भी इलाके में गाइड लाइन बढ़ोतरी का प्रस्ताव नहीं भेजा है। दो सालों से जमीन की गाइड लाइन नहीं बढ़ी है।
इस साल भी लोगों की खासतौर से प्रापर्टी व्यवसाय से जुड़े लोगों को यही अनुमान है कि इस बार भी शहर में गाइड लाइन की बढ़ोतरी नहीं होगी, लेकिन पहली स्टेज स्थानीय मूल्यांकन समिति में ये अनुमान काफी हद तक सही और सटिक भी बैठा है। क्योंकि उप-पंजीयक ने स्थानीय मूल्यांकन समिति की बैठक में शहर के कुछ चुनिंदा हिस्सों को छोडकऱ पूरे शहर को बढ़ोतरी के प्रस्ताव से दूर ही रखा है, जहां के प्रस्ताव भेजे हैं वे भी महज 10 प्रतिशत के आसपास के ही हैं।
प्रस्ताव भेजा है
नए वित्तीय वर्ष में शहर के करीब आधा दर्जन इलाकों की गाइड लाइन बढ़ाने का प्रस्ताव जिला मूल्यानंकन समिति को भेजा गया है। अब देखना है समिति इस पर क्या निर्णय लेती है।
महेश तिवारी, उप-पंजीयक नागदा

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