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नहीं होगी जांच में देर

locationउज्जैनPublished: Jan 03, 2020 10:52:32 pm

Submitted by:

Shailesh Vyas

खाद्य पदार्थ की जांच के लिए अब नमूने भोपाल नहीं भेजने पड़ेगे। नमूनों की जांच में देर नहीं होगी। दरअसल उज्जैन में करीब 7 करोड़ रुपए की लागत से खाद्य एवं औषधि प्रशासन की लैब का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए केंद्र सरकार ने स्वीकृति प्रदान कर दी हैं।

There will be no delay in investigation

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उज्जैन. खाद्य पदार्थ जांच में अब ज्यादा देरी नहीं होगी। जांच की गुणवत्ता भी बेहतर होगी। इसके लिए उज्जैन में लैब स्थापना जाएगी। भारत सरकार ने लैब बनाने को मंजूरी दे दी है। करीब 7 करोड़ रुपए की लागत से प्रस्तावित लैब के लिए स्थानीय स्तर पर जमीन आवंटन की प्रक्रिया प्रचलन में है। उम्मीद है कि अगले दो माह में लैब निर्माण का कार्य प्रारंभ हो जाएगा। प्रदेश में खान-पान की चीजों की जांच के लिए अभी एक मात्र राज्य स्तरीय लैब भोपाल में है। इस लैब की एक साल में 3 हजार से 4 हजार सैंपल जांचने की क्षमता है। ऐसे में सिर्फ निगरानी (सर्विलांस) के लिए जाने वाले सैंपलों की जांच में तीन से चार महीने की देरी होती है। नई लैब बनने के बाद यह दिक्कत नहीं रहेगी। इन लैब में कैमिकल के साथ माइक्रोबायोलॉजिकल (जीवाणुओं की मौजूदगी की) जांच भी की जा सकेगी। मौजूदा लैब में सिर्फ केमिकल जांचें ही हो पा रही है। गौरतलब है कि इंदौर, ग्वालियर व जबलपुर में भी खाद्य पदार्थों और दवाओं की जांच के लिए लैब बनाने का काम शुरू हो गया है।
जमीन की प्रक्रिया जारी
उज्जैन में लैब बनाने की स्वीकृति होने के बाद राजस्व विभाग की ओर से जमीन आवंटित की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग से जमीन की मांग का प्रस्ताव जिला प्रशासन को मिल चुका हैं। इसके लिए प्रारंभिक तौर पर जमीन का चयन कर आवंटन की प्रकिया जारी है। बताया जाता है कि लैब के लिए करीब 10 हजार वर्ग फीट जमीन का आवंटन स्वास्थ्य विभाग को किया जाएगा।
अभी यह होता है
– जांच के लिए उज्जैन व आसपास के जिलों के सैंपल भोपाल भेजे जाते हैं। वहां सैंपल पहुंचने में तीन-चार दिन लग रहे हैं।
– जांच में देरी होने से सैंपल खराब होने की आशंका रहती है। साथ ही मिलावट करने वालों पर कार्रवाई में देरी होती है।
– कई मामलों में व्यापारियों का सामान सैंपल लेने के साथ ही जब्त कर लिया जाता है। जांच रिपोर्ट आने तक इस सामान को बेचा नहीं जा सकता। ऐसे में मावा, पनीर जैसी चीजें खराब होने लगती हैं।

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