ये हैं दो मासूम मददगार, इनका गुल्लक आ रहा इनके काम
उज्जैनPublished: Apr 04, 2020 01:08:47 pm
सुसनेर की नन्ही प्रज्ञा और शाजापुर के युवराज ने की यह पहल
ये हैं दो मासूम मददगार, इनका गुल्लक आ रहा इनके काम
शाजापुर.सुसनेर. कोरोना संक्रमण की इस संकट की घड़ी लोग गरीबों को मदद कर रहे हैं। इसमें मासूम बच्चे भी पीछे नहीं हैं। उन्होंने अपने गुल्लक में जमा की राशि उन लोगों के नाम कर दी जिन्हें इस मुसीबत में सबसे ज्यादा जरूरत है। सुसनेर की प्रज्ञा वर्मा (10) तो शाजापुर के युवराज पाठक (12) ने अपने गुल्लक की जमा पूंजी दान कर दी।
कोरोना संक्रमण आपदा में सुसनेर की नन्ही बच्ची प्रज्ञा वर्मा (10) ने राहत कोष में दान देकर एक मिसाल कायम की है। नन्ही बच्ची अपने चाचा के साथ लेकर गुल्लक में एक साल से पैसा जमा कर रहे पैसे को गरीबों में राशन वितरण के लिए दे दिया। चाचा ओम वर्मा एवं पापा नरेश वर्मा तथा मम्मी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता श्रद्धा वर्मा द्वारा तीज त्योहार के अलावा स्कूल के वक्त जेब खर्च के लिए दी जाने वाली राशि में से कुछ खर्च कर और कुछ बचा कर गुल्लक में पैसा जमा करती थी। कोरोना को लेकर प्रज्ञा तो बेहद सतर्क हैं। घर में टीवी व अखबार के जरिए देख और पढ़ भी रही है। मम्मी द्वारा वायरस के बारे में एव वर्तमान में गरीब परिवारों की स्थिति किस तरह है उसको लेकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई लडऩे में पीएम और सीएम ने आपदा कोष में दान करने की अपील की है यह बात प्रज्ञा के मन में घर कर गई। उसने मन ही मन ठान लिया कि गुल्लक में जो पैसा जमा है उसे कोरोना की वजह से परेशान गरीब परिवार जिनकी रोटी रोटी छीन गई है उनके लिए दान कर देगी। प्रज्ञा के द्वारा हामी भरते ही गुल्लक लेकर एसडीएम मनीष जैन के पास पहुंच गए। दान की गई राशि करीब 2 हजार से अधिक है एसडीएम मनीष जैन ने परिजनों से इस राशि की राहत सामग्री लाकर देने की बात कही।
भूखे और पैदल चलते लोगों को देख बाल मन पसीजा
शाजापुर. कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान लोग अपने-अपने गांवों के लिए पैदल ही निकल गए। ऐसे लोगों की मदद के लिए शाजापुर के विजयनगर निवासी 12 वर्षीय बालक युवराज पिता महेन्द्र पाठक ने अपनी गुल्लक को कलेक्टर के समक्ष खोलकर संपूर्ण राशि 2241 रुपए मुख्यमंत्री सहायता कोष के लिए भेंट कर दी।
बालक युवराज ने बताया कि टीवी में लगातार समाचार आ रहे हैं कि कई लोग लॉकडाउन के दौरान अपने कार्यस्थल को छोड़कर अपने-अपने गांवों के लिए पैदल ही रवाना हो गए, उनके साथ छोटे-छोटे बच्चे भी हैं, जिनके खाने पीने की कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण उसका मन द्रवित हुआ और उसने निश्चय किया कि उसके गुल्लक की संपूर्ण राशि वह मुख्यमंत्री सहायता कोष के लिए दान कर देगा। आज वह कलेक्टर कार्यालय में पहुंचकर कलेक्टर डॉ. वीरेन्द्र सिंह रावत ने मिला और उसने अपने मन की बात बताई। उसने कलेक्टर कार्यालय में सामाजिक संस्थाओं तथा दानदाताओं की चल रही बैठक में अपने गुल्लक को सबके सामने खोलकर राशि सौंप दी। कलेक्टर डॉ. रावत ने उसकी सराहना करते हुए प्रेरणास्पद बताया। युवराज ने बताया कि वह अपने दोस्तों व परिचितों से भी दान करने के लिए आग्रह करेंगा।